MOHAMMED SHAMI FAST BOWLER
world cup 2023 में शमी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन दिया था। और अपनी गेंदबाजी से सबका दिल जित लिया था। और वही शमी ने इंजेक्शन ले लेकर वर्ल्ड कप खेला है और बहुत दर्द में रहते थे और रोज हस्पताल जाते थे। टीम मैच के बाद होटल जाती थी और जशन मनाती थी पर वही शमी हस्पताल जाते थे और उनके रोज इंजेक्शन लगते थे। इसके बारे में खुद मुहम्मद शमी के बताया है। और उन्होने ने कहा की महेन्दर सिंह धोनी ने कहा था की ऑपरेशन करवा ले लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी।
मुहम्मद शमी ने एक इंटरव्यू के जरिये दिल खोल कर सारी बाते करी। और उन्होंने ने बताया की कैसे शंघर्ष के रस्ते चलते हुए वो यहाँ तक पहुंचे है। और लीडिंग प्लेयर रहे है और Golden Ball का ख़िताब भी मुहम्मद शमी ने ही जीता है। उन्होंने ने बताया की में इतनी आसानी से यहाँ नहीं पहुंचा बहुत सी मुश्किलों का साहमना करके यहाँ पहुंचा हो।
मुहम्मद शमी में कहा हम उस समय करीब साढ़े चार महीने तक ऑस्ट्रेलिया में थे। हमने वनडे, टेस्ट और टी-20 मैचों की सीरीज खेली थी। इस दौरान पहले ही टेस्ट मैच में मेरे घुटने में सूजन आ गई थी। और बाद में ये बढ़ती गई। इसके चलते दोस्त टेस्ट मैच नहीं खेल पाया था। ऐसे में वर्ल्ड कप आते-आते मेरे घुटने की हालत और खराब हो गई। हालत इतनी खराब थी कि कोई और होता तो वल्र्ड कप नहीं खेलता।
लेकिन मैं उतना दर्द झेल सकता हूं। मैं वो बर्दाश्त कर पाया। डॉक्टर और माही भाई ने एक ही सवाल किया था, ‘या तो जाकर ऑपरेशन करा लो या वर्ल्ड कप खेलने के बाद ऑपरेशन कराओ? ‘डॉक्टर ने बताया की ऑपरेशन तो कराना ही होगा। कोई नहीं जानता था की मैं किस दर्द से झूझ था। (2015 संस्करण के दौरान) 2015 टूर्नामेंट से पहले मेरे घुटने में सूजन थी। मेरे पास दर्द सहन करने की ताकत है और मुझे दो विकल्प बताए गए थे। या सर्जरी करवाऊ या फिर टूर्नामेंट खेलू। टीम हर मैच के बाद होटल लौटती थी, मैं इंजेक्शन लेने के लिए अस्पताल जाता था।
जब आप देश के लिए कहलते है तो आप सब कुछ भूल जाते है। ऐसी दौरान शमी ने ये भी बताया की इंजेक्शन लेने के बाद वो 2 घंटे तक बेहोश रहते है। मुहम्मद शमी की जिन्दगी बहुत कठनाईओ से भरी रही है 2015 का वर्ल्ड कप मुहम्मद शमी ने लगातार दर्द और सूजन के साथ खेले इंजेक्शन ले लेकर खेले। वाके ही शमी के इस जज्बे को सलाम है। कहते है न की हिम्मत करने वाले की कभी हार नहीं होती। और ये भी कहा जाता है की मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है।
कई खिलाडी तो सर्जरी के बाद कोई भी मैच कहल नहीं पाते लेकिन मोहम्मद शमी ने वो कर देखिया जो आज तक कोई नहीं कर पाया था। और गोल्डन बॉल का ख़िताब भी अपने नाम किया और साथ अपने गांव को भी चमका दिया योगी सरकार मुहम्मद शमी के प्रदर्शन को देखते उनके गांव में एक मिनी स्टेडियम बनवाने के लिए जा रही है। मुहम्मद शमी एक तेजगेंदबाज और साहसी खिलाडी है।