NASA क्या है?
NASA (National Aeronautics and Space Administration) संयुक्त राज्य अमेरिका की एक स्वतंत्र संस्था है, जो अपने द्वारा छोड़े गए उपग्रह (satellites) की मदद से हवा और अंतरिक्ष पर रिसर्च करती है.
नासा का मुख्य कार्य अंतरिक्ष संबंधित कार्यक्रमों और वैमानिकी (Aeronautics) के ऊपर रिसर्च करना है.
NASA क्या काम करती है?
नासा ऐसे बहुत सारे कार्य करती है जिनके बारे में काफी कम लोग जानते हैं. अंतरिक्ष यात्री, ग्रहों और उपग्रहों की कक्षा (Orbit) में वैज्ञानिक अनुसंधान करते हैं. कृत्रिम उपग्रहों की मदद से वैज्ञानिक धरती से जुड़ी और अधिक जानकारियां एकत्रित करते हैं. साथ ही सौर मंडल और उससे आगे की जानकारियां भी हासिल की जाती हैं.
नए developments हवाई यात्रा और उड़ान से संबंधित दूसरे पहलुओं को improve करते हैं. नासा अपने एक नए कार्यक्रम के तहत चंद्रमा और मंगल ग्रह का पता लगाने के लिए इंसान को भेजने की तैयारी कर रही है.
इसके साथ-साथ नासा और भी कई महत्वपूर्ण कार्य कर रही है. नासा अपने द्वारा प्राप्त की गई सभी जानकारियों को लोगों के साथ शेयर करती है, ताकि दुनियाभर में लोगों की जिंदगी को बेहतर किया जा सके. उदाहरण के तौर पर, नासा द्वारा की गई रिसर्च को कंपनियाँ, अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए product बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं.
NASA ने अपना पहला रोवर मंगल पर कब भेजा था ?
मार्स पाथफाइंडर को 4 दिसंबर 1996 को लॉन्च किया गया था और 4 जुलाई 1997 को मंगल गृह के एरेस वालिस पर उतरा। इसे लाल गृह की सतह पर एक उपकरणयुक्त लैंडर और पहले रोबोटिक रोवर को पहुंचने के एक नए तरीके के प्रोधौगिकी प्रदर्शन के रूप में डिज़ाइन किया गया था
मंगल ग्रह के बारे में
मंगल ग्रह सूर्य से चौथा ग्रह और सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है जो केवल बुद्ध से बड़ा है इसे अक्सर लाल ग्रह कहा जाता है मंगल ग्रह एक पतला वातावरण वाला एक स्थलीय ग्रह है जिसमें सत्य की विशेषताएं जैसे प्रभाव ग्रेटर घटिया तिल और ध्रुवीय बर्फ की टोपी है और मंगल ग्रह का केंद्रीय एक लिक्विड आयरन एलॉय है जिसमें बड़ी मात्रा में सल्फर और ऑक्सीजन है
नासा ने मंगल ग्रह पर क्या किया
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का पर्सीवरेंस रोवर मंगल ग्रह पर चक्कर लगा रहा है नासा ने बताया कि रोवर के जरिए ऑक्सीजन पैदा करने का एक्सपेरिमेंट किया गया जो पूरी तरह से सफल रहा है इस तरह आखिरकार लाल ग्रह पर ऑक्सीजन तैयार कर ली गई है नासा की इस सफल एक्सपेरिमेंट में इंसानों के लिए मंगल ग्रह पर बचने के रास्ते को खोल दिए
NASA के Perseverance Rover द्वारा भेजी गएी जानकारी
मंगल ग्रह परनासा अपनी खोज अभियान को अंजाम देने में लगा है अभी इस रोवर ने हाल ही में नशा को जो तस्वीर भेजी है वह चौंकाने वाली है यह तस्वीर कैसी चट्टान की है जो एक किताब के आकार की तरह दिखती है नासा की वैज्ञानिक इसे मंगल पर करोड़ों साल पूरा पानी की मौजूदगी से जोड़कर देख रहे हैं
नासा के पर्सीवरेंस को मंगल की अब तक की सबसे बड़ी नदी मिली है चट्टानों के आकार से एक अंदाजा लगाया गया है कि यह नदी कुछ जगहों पर 66 फीट से ज्यादा गहरी थी वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सुरक्षित नदी के किनारे की रेट थी उत के विक्रम यंग यूनिवर्सिटी के सिद्धार्थ जागीर डेट का दोनों जानकारी को लेकर कहना है कि यह बहुत अहम जानकारी है जो दूसरे ग्रह की सतह के बारे में हमें बता रही है
वाशिंगटन :
NASA के Perseverance Rover और चीन के ZhuRong Rover को मंगल ग्रह पर बहती नदियां और भीगे हुए रेट के तीनों के संकेत मिले हैं चीन के रोवर में पाया कि आज से करीब 4 लाख साल पहले अत्यधिक ठंड की वजह से हो गए होंगे वही नासा के पर्सीवरेंस रोवर को जो संकेत मिले हैं वह यह बताते हैं कि ताकतवर चल मार्ग में कोटा में अपना रास्ता बनाया होगा इसकी वजह से इसलिए अच्छी खासी दर पानी गिरा होगा | NASA अपने पुरे प्रयास कर रहा है मंगल गृह पर जीवन खोजने के लिए।