1 जुलाई से आपके काम को लेकर कई बड़े बदलाव हो सकते हैं। केंद्र सरकार 1 जुलाई से देश में नया लेबर कोड लागू कर सकती है, यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों को रोजाना 12 घंटे तक काम करना पड़ सकता है हालांकि, कर्मचारियों को सप्ताह में 48 घंटे ही काम करना होगा, यानी अगर वो 1 दिन में 12 घंटे काम करते हैं तो उन्हें सप्ताह में केवल चार दिन काम करना होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने 44 सेंट्रल लेबर एक्ट को मिलाकर ये 4 नए लेबर कोड तैयार किए गए हैं। कई कंपनियां इसकी तैयारी कर रही हैं। यहां जानिए कि इनके लागू होने का आप पर क्या असर होगा?
सोशल सिक्योरिटी कोड
इस कोड के तहत ESIC और EPDO की सुविधाओं को बढ़ाया गया है। इस कोड के लागू होने के बाद असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले वर्कर्स, गिग्स वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी ESIC की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना होगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बेसिक सैलरी कुल सैलरी का 50% से अधिक होना जरूरी होगा, जिसके बाद बेसिक सैलरी में भी इजाफा हो सकता है। वहीं पीएफ में पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे जमा हो सकते हैं, जिसके कारण रिटायरमेंट तक ज्यादा पैसा जमा हो सकता है।
ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ ऐंड वर्किंग कंडीशन कोड
इस कोड में लीव पॉलिसी और सेफ एन्वायर्नमेंट तैयार करने की कोशिश की गई है। इस कोड के लागू होने के बाद 240 के बजाय 180 दिन काम के बाद ही लेबर छुट्टी पाने की हकदार बन जाएगी। इसके अलावा किसी कर्मचारी को कार्यस्थल पर चोट लगने पर कम से कम 50% मुआवजा मिलेगा।
तीन शिफ्ट में काम को मिल सकती है मंजूरी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश में नया लेबर कोड लागू होने के बाद तीन शिफ्ट में काम को मंजूरी मिल सकती है, जिसमें काम के घंटे के हिसाब से हफ्ते में छुट्टी का निर्धारण होगा।
- रोजाना 12 घंटे काम करने वाले को व्यक्ति को मिलेगी 3 दिन की छुट्टी
- रोजाना 10 घंटे काम करने वाले को व्यक्ति को मिलेगी 2 दिन की छुट्टी
- रोजाना 8 घंटे काम करने वाले को व्यक्ति को मिलेगी 1 दिन की छुट्टी
इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड
इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड में कंपनियों को काफी छूट दी गई है। नया लेबर कोड लागू होने के बाद 300 से कम संख्या वाली कंपनियां सरकार की बिना किसी मंजूरी के छंटनी कर सकती हैं। 2019 के पुराने लेबर कोड में 100 संख्या वाली कंपनियों को यह छूट दी गई है, जिसे 2020 में इसे बढ़ाकर 300 किया गया है।
वेज कोड
इस कोड में पूरे देश के मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत सरकार पूरे देश के लिए कम से कम मजदूरी तय करेगी। सरकार का अनुमान है कि इस कोड के लागू होने के बाद देश के 50 करोड़ कामगारों को समय पर और निश्चित मजदूरी मिलेगी। इसको 2019 में ही पास कर दिया गया था।
बता दे की स्पेन, जापान, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, स्कॉटलैंड और आइसलैंड जैसे कई देशों में हफ्ते में 4 दिन काम करना पड़ता है। इसके साथ ही इन देशों में साप्ताहिक काम के घंटों में भी कमी की गई है।