भारतीय छात्र ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो फसल में कीड़ा लगने से पहले ही अलर्ट कर देगी यह तकनीक सेटेलाइट से थर्मल इमेजिंग तकनीक पर काम करती है। दरअसल अस्वस्थ होने पर पौधों के पत्तों का तापमान बदल जाता है इसे वीआईटी चेन्नई में इंजीनियरिंग छात्र ऋषिकेश अमित नायक ने तैयार किया है।
विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहे भारत देश की खाद्यान्न जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन-रात हमारे किसान भाई समय पर और मेहनत से अन्न उगाते हैं. लेकिन जब मेहनत को आधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक सोच के सपोर्ट से किया जाए तो न सिर्फ पैदावार बढ़ती है बल्कि आमदनी में भी बढ़ोतरी होती है।
एक किसान अपनी बहुत से मेहनत के साथ अपनी फसल को लगाता है। और जब वो ख़राब हो जाती है तू उसे बहुत दुःख होता है। कई बार तो कीड़ो का पता नहीं लगता फसल को खराब कर देते है ऐसे में भारतीय छात्र ऋषिकेश अमित नायक ने एक बहुत अच्छी तकनीक त्यार करी है आप किसान को पहले से ही पता चल जाए गए, पहले से अलर्ट मिल जाए गए।
एआई. से थर्मल इमेजिंग के जरिए फसल के कीटों का पता लगाने की इस विधि को उन्होंने “किसान नो” नाम दिया है यह करीब ₹80 में किसानों के लिए उपलब्ध है उड़ीसा के निवासी ऋषिकेश बताते हैं। कि 2019 तक उन्होंने एक प्रोटोटाइप विकसित कर लिया था
इसके लिए उन्होंने ओडिशा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र और उड़ीसा यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च के शोधार्थियों एवं प्रोफेसर की मदद ली। उन्होंने बताया कि फसलों के पत्तों की केमिकल टेस्टिंग में समय लगता था।
इसीलिए सैटेलाइट इमेज में इसकी जानकारी जुटाने लगे। सैटेलाइट इमेज इन्हे बेजिटेटिव इंडेक्स और मॉइस्चर इंडेक्स की जानकारी देता है। जो फसल का हाल बताती है।