रामायण काल के जटायु को देखकर चौके लोग, कहा “जटायु को कलयुग में पहली बार जिंदा”

Ranjana Pandey
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एक चौंकाने वाली खबर उत्तर प्रदेश से सामने आई है। इस इस खबर को सुनकर लोगों को अब भी यह विश्वास नहीं हो रहा कि ऐसा कुछ होना मुमकिन भी है। खबर कुछ ऐसी है कि बताया जा रहा है कि एक पक्षीय कानपुर में बेनाझाबर। इलाके में पाया गया। पक्षी को देखकर लोग रामायण काल से इसे जोड़कर देख रहे हैं। बस आप भी अगर इसे देखे तो आप भी हैरान रह जाएंगे।बताया जाता है कि बेनाझाबर ईदगाह कब्रिस्तान के पास यह दुर्लभ हिमालयन ग्रिफ़ॉन गिद्ध रेस्क्यू किया गया।यदि इस पक्षी को देखा जाए तो यह पक्षी जटायु से बिलकुल मिलता जुलता पाया गया है।

इस दुर्लभ हिमालयन गिद्ध को ऐलन फॉरेस्ट जू के पशु चिकित्सालय में 15 दिन के क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया है। श्रद्धा यादव, जो वहाँ की जिला वन अधिकारी हैं उन्होंने बताया कि गिद्ध को 15 दिन के लिए चिड़ियाघर के अस्पताल में क्वारंटाइन किया गया है।

आगे जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हिमालयन गिद्धों के एक जोड़े के देखे जाने की बात सामने आयी है। बेनाझाबर इलाके में एक गिद्ध की तलाश की जा रही है। डॉक्टर नासिर जैदी जो की उस चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक हैं उन्होंने बताया कि पकड़े गए हिमालयन गीत को दूसरे पक्षियों से दूर रखा गया है। यहाँ तक की उनका परिसर भी अलग रखा गया है।

हिमालयन गिद्ध के वजन की बात करें तो वह वजन में लगभग आठ किलो का है। इस गिद्ध की निगरानी के लिए डॉक्टरों की एक टीम उपलब्ध कराई गई है। वहीं चिड़ियाघर में पहले से ही चार हिमालयन ग्रिफोन गिद्ध हैं। बेनाझाबर ईदगाह कब्रिस्तान के कुछ लोगों ने इस गीत को वहाँ उड़ते हुए देखा।

जिसके तुरंत बाद उन्होंने वन विभाग को सूचना दी। ग्रिफोन गीत हिमालय और आसपास के तिब्बती पठार के किनारे पाया जाता है। यहाँ प्रजाति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित है। इसलिए इसे संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत पूरी देखभाल के साथ अलग परिसर में रखा गया है।

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