पंजाब सरकार की ओर से नशे के खिलाफ चलाए जा रहे नशा विरोध अभियान के तहत बठिंडा पुलिस ने नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए वीरवार को सुबह 6 बजे पुलिस लाइन से एक साइकिल रैली निकाली गई। रैली में एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना समेत पुलिस अधिकारियो के अलावा बठिंडा साइकिलिंग ग्रुप के मैम्बरों व पुलिस पब्लिक स्कूल के बच्चो ने भाग लिया। यह रैली पुलिस लाइन से शुरू होकर अलग-अलग बाजारों से होते होए फियर ब्रिगेड चौक पर संपन्न हुई।
इस मोके पर एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना ने कहा की बठिंडा पुलिस नशे की जड़ को ख़तम कर देगी वह लगातार परियास कर रहे है। उन्होंने ने कहा की वे स्कूल और कॉलेज में भी सेमिनार करवाना शुरू कर रहे है। और नुक्कड़ नाटक तक करवाए जा रहे है। एसएसपी गुलनीत सिंह ने कहा की हम बठिंडा को नशा मुक्त जिला बनाएगे और उन्होंने लोगों से अपील करी है कि लोग भी उनका पुरी तरह साथ दे।
नशा जहर है
नशा एक जहर है जिस ने हजारो लोगों की जिन्दगीयो को बरदाद कर दिया है न जाने कितनी माओ से उनके बेटे छीने है बहुत से घर बरदाद हो चुके है नशे की लत एक बार लग जाए तो उसे दूर करना बहुत मुश्किल है पर इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता नशे ने हमारा पंजाब को बर्वाद कर दिया है।
नशे के कारण
हम आप को बता दे की कही न कही बेरोजग़ारी भी एक कारण है नशे का। जानते है ” जब कोई इंसान फ्री होता है उस के दिमाग में बहुत गलत-गलत आईडिया आते है वह ज्यादा तर बाहर जाता है दोस्तों से मिलता है और कुछ दोस्त ऐसे भी होते है जो नशे पर लगा देते है वह इंसान एक बार करता है दो बार करता है उसे धीरे धिरे लत लग जाती है और फिर वह इतना नशे में डूब जाता है कि उसे किसी की परवा नहीं होती है धीरे-धीरे उसकी जिन्दगी बरदाद हो जाती है और एक दिन ऐसा आता है उसे मौत का सहमना करना पड़ता है नशा इन्सान को मार कर ही दम लेता है।
भारत में युवाओ की जनसंख्या अन्य किसी देश से अधिक हैं। जिस कारण भारत को अभी युवाओ का देश कहा जा रहा हैं। आज अनेक मंचो पर भारत को विश्व गुरु बनाने की बात सरलता से सुनाई दे जाती हैं। परंतु सच्चाई ये है कि भारत के युवा आज दिनप्रतिदिन नशे के चंगुल में फसते जा रहे हैं।
पंजाब से अनेक ऐसी खबरे आती है कि कुछ घरों के पुरुष नशे की लत में खत्म हो चुके हैं, उन घरों में बची हैं तो सिर्फ अंधकारमय भविष्य लिए हुए महिलाएँ।
नशे से कैसे बचाव करें
परिवार की प्राथमिकता है कि वह अपने बच्चो की संगति पर नजर रखें। वह उनके व्यवहार में आने वाले बदलावों को नज़र अंदाज़ न करें।
2. युवाओ को अपने रोल मॉडल्स सोच समझ कर बनाने होंगे और सिनेमा के प्रभाव से बचने के लिए अन्य मनोरंजन के साधनों को ज्यादा अपनाना होगा।
3. युवाओ को खेलकूद में ज्यादा से ज्यादा भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। जिससे उनमें तनाव से लड़ने की इच्छा शक्ति प्रबल हो सके।
4. समाज को भी अपने कर्तव्य को अच्छे से समझना होगा। अगर समाज में कोई ऐसी गैरकानूनी गतिविधि होती हैं। तो पूरे समाज को उसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा। अकेले सरकार या प्रशासन इससे निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
5. परिवार में बड़ो को भी थोड़ा जागरूकता का परिचय देना चाहिए। वह ध्यान रखे कि घर में बच्चो के सामने नशे से सम्बंधित कोई गतिविधि न करें।
6. सरकार को समाज मे सामान्य जागरूकता के विकास के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। इसके लिए समाज के बीच में जागरूकता कैम्प लगाए जा सकते है। सरकारी अधिकारियों को समय-समय पर स्कूल, कॉलेज में जाकर युवाओ को प्रोत्साहित करना चाहिए। टीवी, रेडियो आदि संचार के माध्यमो पर जागरूकता कार्यक्रमो का आयोजन होना चाहिए।
7. जगह-जगह नशा मुक्ति केंद्रों का संचालन करना चाहिए।
8. शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन करके रोजगारपरक शिक्षा को अपनाना होगा और रोजगार के साधनों के विकास पर गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता हैं।
9. जीवन में युवाओ को बड़े और अच्छे लक्ष्य रखने के लिए प्रोत्साहित करे । ऐसा तभी होगा जब समाज की सभी संस्थाए जैसे परिवार, स्कूल, कॉलेज बच्चो को उनके जीवन की उपयोगिता समय-समय पर समझते रहे।
10 । कुछ अच्छा पढ़ने की आदत डाले।
बच्चो में पढ़ने की आदत का विकास करना चाहिए। बाल अवस्था से ही उन्हें स्कूल पाठ्यक्रम से अलग कुछ अच्छी किताबे जरूर पढ़ने के लिए कहे और युवाओ को भी दिन का कुछ न कुछ समय पढ़ने में अवश्य देना चाहिए।