सुप्रीम कोर्ट में राजेश खन्ना की कथित लिव-इन-पार्टनर लड़ रही है अंतिम लड़ाई, डिंपल पर लगाए हैं गंभीर आरोप

Ranjana Pandey
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दिवंगत सुपरस्टार राजेश खन्ना की प्रॉपर्टी आशीर्वाद को लेकर शुरू हुआ विवाद अब सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई पर है। 9 अगस्त से इस केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बहस शुरु हो गई है। राजेश खन्ना की लिव इन पार्टनर अनीता मेरी लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं है।

यह लड़ाई उन तमाम औरतों की लड़ाई है जिन्हे हक नहीं मिला है। इस केस में मेरी जीत तमाम महिलाओं के लिए मिसाल बनेगी, इसलिए मेरा जीतना बेहद जरूरी हैं। हां मैं यह बात अच्छी तरह जानती हूं कि मैंने काका के साथ शादी नहीं की थी, लेकिन इतने साल से मैं उनके साथ रह रही थी, कोर्ट ने मेरे और काका के रिश्ते को पति-पत्नी की तरह ही माना है इसलिए मैं यह लड़ाई लड़ पा रही हूं।’

अनीता आडवाणी आगे बताती हैं, ‘राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया के अलग होने के बाद मैं 25 साल से काका जी के साथ रह रही थी, हर अच्छे बुरे वक्त में मैंने जीवन साथी की तरह रही इसलिए मैं केस दाखिल करने की हकदार हूं। इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट 9 अगस्त से अंतिम सुनवाई शुरू करेगा। इसी केस के सिलसिले मैं इस समय दिल्ली में हूं।’

अनीता अडवाणी ने खुद को राजेश खन्ना की लिव इन पार्टनर बताते हुए मुंबई की कोर्ट में घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत मामला दाखिल किया, लेकिन हाईकोर्ट ने मामले को रद्द कर दिया था। बाद में अनीता ने सुप्रीम कोर्ट से अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया, उनकी बेटी ट्विंकल और दामाद अक्षय कुमार को नोटिस भेजा था।

नोटिस के जवाब में डिंपल ने कहा कि उन्होंने राजेश खन्ना से कभी तलाक नहीं लिया, शादीशुदा शख्स के साथ लिव इन रिलेशन में रहना गैर-कानूनी है। अनीता आडवाणी राजेश खन्ना के साथ लिव इन रिलेशन में उनके बंगले आशीर्वाद में रहती ही नहीं थी तो उन्हें घर से बाहर निकालने का सवाल कहां पैदा होता है। ऐसे में अनीता घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत खुद को पीड़िता बताकर कैसे राहत मांग सकती हैं?’

यह बात बिल्कुल निराधार और बेबुनियाद है कि राजेश खन्ना और उनका रिश्ता खत्म हो गया था। वह अपनी दोनों बेटियों के साथ राजेश खन्ना से उनके घर आशीर्वाद में अक्सर मिलने जाया करती थीं। दामाद अक्षय कुमार भी काका से मिलने जाते थे। वह राजेश खन्ना की नियमित रूप से देखभाल करती थीं। वसीयत लिखते समय राजेश खन्ना सोचने-समझने की स्थिति में थे और उन्होंने अपने पूरे होश-हवाश में वसीयत लिखी थी।

 

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