राम मंदिर के निर्माण के समय घटी 5 चमत्कारी घटनाएँ, जिसको हम से छुपाया गया 😱😱

Mukesh Saraswat
6 Min Read

राम मंदिर को बनाते समय ऐसी पाँच घटनाएँ घटी जिनको देख दुनिया के सारे वैज्ञानिक हैरान रह गये। ऐसी घटनाएँ जो आपको सोचने के लिए मजबूर कर देगी। क्या आपको पता हैं की मंदिर की खुदाई में क्या क्या चीजे निकली। और राम मंदिर के नीचे एक टाइम मशीन क्यों रखी गई हैं।   

आज हम इस वीडियो में राम मंदिर को बनाते हुए हुई चमत्कारी घटनाओं के बारे में बतायेंगे। नासा से लेकर पूरी दुनिया के लोग इन घटनाओं के पीछे का कारण पता नहीं कर पाये हैं। नवंबर दो हजार उन्नीस से लेकर जनवरी दो हजार चौबीस तक ऐसी पाँच घटनाएँ हुई जिनको सुन कर आपको भी राम भक्त होने पर बहुत ज्यादा गर्व होगा। और जो भक्त इस वीडियो को पूरा देख कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करेगा, उसमे से एक भक्त को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में जाने का मौका मिल सकता हैं। 

हम सभी जानते हैं कि बाईस जनवरी, दो हजार चौबीस को अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बन रहे भव्य राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। हमारे देश के ग्रंथ और पुराण भी इस राम भूमि की गाथा गाते हैं। आप राम मंदिर के आंदोलन की पूरी कहानी जानते हैं। पर आपको बिलकुल भी अंदाजा नहीं हैं कि निर्माण के दौरान ऐसी ऐसी विचित्र घटनाएँ घटी थी। 

पहली घटना तब हुई जब राम मंदिर का निर्माण चल रहा था और लगभग बारह सो खंभों की एक नक्शा तैयार किया गया। पर जैसे ही टीम में खुदाई शुरू की, जमीन की मिट्टी नीचे धस गई और उसमे से निकली कुछ ऐसी रहस्यमय मूर्तियाँ। ये मूर्तियाँ बहुत पुरानी थी और इन मूर्तियों ने भारत सरकार को भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया। इन सभी मूर्तियों और अवशेषों को मंदिर परिसर में सुरक्षित रखा गया है. रामलला के दर्शन करने आने वाले भक्तों को ये अवशेष देखने का भी मौका मिलेगा. इसके लिए गैलरी में इन्हें रखा गया है ,जहां इनसे जुड़ी जानकारी भी दी जाएगी।

दूसरी घटना तब हुई जब एक वैज्ञानिक अमेरिका से यहाँ निरीक्षण करने आये। थॉमस नाम के ये वैज्ञानिक मंदिर परिसर की जाँच कर रहे थे तभी उनको वहाँ एक जगह थोड़ी सी अलग दिखाई दी। थॉमस ने जल्दी से मजदूरों को बुलाया और वहाँ खुदाई शुरू करवाई। जैसे ही वहाँ खुदाई शुरू हुई वहाँ पानी का एक झरना निकल पड़ा। जब इस पानी को लैब टेस्ट के लिये भेजा गया तो पता चला कि ये पानी तो पास में बह रही सरयू नदी का हैं। पानी का इतना प्रवाह देख ये लग रहा था कि माता सरयू खुद मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए आई हैं। पर मंदिर बनाने वाली टीम को यह डर लगने लगा कि इतना मजबूत मंदिर बनाने के लिए नीचे की सतह मजबूत होनी चाहिए। तब सब लोगो ने भगवान राम और माता सरयू से हाथ जोड के प्रार्थना की। और आप यकीन नहीं करेंगे कि अगले ही दिन वो पानी का झरना सुख गया और माता सरयू ने मंदिर को मजबूत बनाने में सहयोग कर दिया। 

अगली घटना तब घटी जब मंदिर का निर्माण जोरो सोरो पर था। तभी एक मजदुर की नजर एक शिला पर गई। जब टीम ने खुदाई की तो यहाँ पर एक चार फुट ऊँचा शिवलिंग मिला। इस शिवलिंग ने सबको हैरान कर दिया क्यों की ये हजारो साल पुराना था। आप मंदिर के म्यूजियम में इसको भी देख पाओगे। 

आपको जानकर हैरानी होगी कि मंदिर के दो हजार फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा गया हैं। जिसमे राम भगवान, अयोध्या और पूरी रामायण लिखी हुई हैं। ताकि लाखों सालों तक आँधी और तूफान ही क्यों ना आ जाए, मंदिर का इतिहास हमेशा के लिए सुरक्षित रहेगा ।

राम मंदिर में जो मुख्य घंटी लगायी जायेगी वो अष्टधातु की बनी होगी। और ये लगभग इक्कीस सो  किलो की होगी। यह दुनिया में सबसे भारी घंटी होगी जो किसी मंदिर में लगाई जाएगी। इस घंटी को बनाने में एक साल का समय लगा।इसकी कीमत इतनी होगी कि आपके होश उड़ जाएँगे। एक किलो अष्टधातु की कीमत लगभग 1 करोड होती हैं। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भव्य राम मंदिर कैसा बनेगा। 

आखिरी फैक्ट को जानने से पहले आप सभी से रिक्वेस्ट हैं कि कमेंट को जय श्री राम से भर दो और कम से कम एक राम भक्त इस वीडियो को एक सो आठ बार जरुर शेयर करें। उसमे से एक भक्त को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में जाने का मौका मिल सकता हैं। 

हम सभी को पता होना चाहिए कि राम मंदिर निर्माण में काम ली गई मिट्टी देश के पच्चीस सो  स्थानों से लायी गई हैं। ये सभी स्थान भारत के मंदिर और मशहूर जगह हैं। इसका मतलब राम मंदिर में पूरे भारत का प्रतीक हैं। 

यदि इस वीडियो को देख कर अच्छा लगा तो, हमारा चैनल सब्सक्राइब करें और इस पोस्ट को शेयर करना ना भूलें। 

Share This Article
Follow:
Mukesh Saraswat is Editor and Chief in Bwood tadka .He has total experience of 5 years in Mass Communication Media.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *