नई दिल्ली में रहने वाले आर्मी परिवार के घर में जन्मे बॉलीवुड अभिनेता शाइनी आहूजा ने अप्रैल 2005 में आई फिल्म ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। अपनी पहली फिल्म के लिए ही फिल्मफेयर बेस्ट मेल डेब्यू अवॉर्ड जीतने वाले अभिनेता को इसके बाद कई प्रोजेक्ट्स ऑफर हुए। उन्होंने 2005 में ही ‘करम’, ‘सिंस’ और ‘कल: यस्टरडे और टूमोरो’ जैसी फिल्में कर डाली।
हालांकि उन्हें पहचान 2006 में आई फिल्म ‘गैंगस्टर’ और 2007 की ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ से मिला। इसके बाद उन्हें ‘भूल भुलैया’, ‘खोया खोया चांद’ और ‘हाईजैक’ में देखा गया। अपने करियर के चार सालों में 14 से ज्यादा फिल्में करने वाले शाइनी आहूजा जब स्टारडम इंजॉय कर रहे थे, तब ऐसा कुछ हुआ जिसने उनके करियर को तबाह कर डाला।
लगा रेप का आरोप
जून 2009 की बता है। शाइनी आहूजा की नौकरानी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि अभिनेता ने अपने आवास पर उसके साथ बलात्कार किया था। एफआईआर के बाद 14 जून को शाइनी आहूजा को गिरफ्तार कर लिया गया और फिर तीन महीने बाद जमानत पर रिहा भी कर दिया गया।
अपने ही बयान से पलटी नौकरानी
तकरीबन एक साल बाद, कोर्ट की सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत में शाइनी को पहचान लिया और अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उसके साथ कभी रेप नहीं हुआ। हालांकि पुलिस ने 109 पन्नों की चार्जशीट में शाइनी पर दुष्कर्म और पीड़िता को गलत तरीके से बंधक बनाने का आरोप लगा दिया।
मिली सात साल की सजा
हालांकि, न्यायाधीश का मानना था कि नौकरानी ने दबाव में झूठी गवाही दी और, 2011 में, आहूजा को सात साल की जेल की सजा सुनाई गई। बता दें कि हाल ही में आई फिल्म सेक्शन 375 इसी मामले से प्रेरित है, जिसे शाइनी आहूजा के दोस्त मनीष गुप्ता ने सभी पक्षों से बातचीत करने के बाद लिखी थी।
ठप पड़ा फिल्मी करियर
2009 में रेप के आरोप लगने के बाद शाइनी आहूजा तकरीबन तीन साल तक फिल्मों से गायब रहे। 2012 में आई हॉरर फिल्म ‘घोस्ट’ से उन्होंने एक बार फिर कमबैक करने की कोशिश की, लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही। तीन साल बाद अभिनेता ने ‘वेलकम बैक’ (2015) में कैमियो रोल किया। लेकिन उनका ठप पड़ा करियर अब तक पटरी पर लौट नहीं पाया है।