रतन टाटा के ड्रीम प्रोजेक्ट “Nano केस” को मिली बड़ी जीत, अब ममता बनर्जी की सरकार को देने पड़ेगे 766 करोड़ रुपए।

Pinky
4 Min Read

टाटा ग्रुप के पश्चिम बंगाल के सिंगूर में स्थित नैनो के प्लांट के मामले में बड़ी जीत हासिल हुई है।  पश्चिम बंगाल सर्कार 766 करोड़ रुपए का हर्जाना देगी।  ऑटो कंपनी के मुताबिक मध्यस्थ न्यायाधिकरण ने पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम को सिंगूर में कंपनी के मैन्यूफैक्चरिंग साइट पर हुए नुकसान के लिए मुआवजा देने के लिए कहा है. आदेश के मुताबिक निगम को टाटा मोटर्स को 766 करोड़ रुपए देने होंगे।

क्या था पूरा मामला ? 

गौरतलब है कि टाटा मोटर्स और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच इस विवाद की शुरुआत साल 2006 में हुई थी. उस वक्त टाटा नैनो का प्लांट सिंगूर में लगने वाला था. भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मौजूदा सीएम ममता बनर्जी ने इसके खिलाफ भूख हड़ताल की थी. विवाद के बाद टाटा मोटर्स ने गुजरात के साणंद में इसे शिफ्ट किया था।  टाटा मोटर्स इस प्लांट पर 100 करोड़ रुपए का निवेश कर चुकी थी।

साल 2006 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चे को प्रचंड बहुमत मिला था. टाटा मोटर्स अपनी नैनो कार के प्रोडक्शन प्लांट के लिए जमीन की तलाश कर रहे थे. तत्कालीन पश्चिम बंगाल सरकार ने टाटा मोटर्स को कारखाना लगाने के लिए 997 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने का फैसला किया. ये जीमन सिंगूर में थी, जो राजधानी कोलकाता से 90 मिनट ड्राइव की दूरी में थी. साथ ही खड़गपुर के भी काफी पास थी, जहां पर आईआईटी जैसा संस्थान था. हल्दिया पोर्ट सिंगूर से 100 किमी दूर था.  हालांकि, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अनुमान से कही ज्यादा जटिल थी।

भूमि अधिग्रहण मामले में जमीन के मालिकों और सरकार के वर्ताकारों के बीच संघर्ष शुरू हो गया. साल 2007 के मई महीने तक इस विवाद ने काफी तूल पकड़ लिया और हिंसा भड़क गई थी. पश्चिम बंगाल की तत्कालीन विपक्षी पार्टी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कृषि भूमि बचाव आंदोलन की शुरुआत की थी।

कई पर्यावरणविदों ने भी इस प्रोजेक्ट का विरोध किया था. मई में प्लांट साइट के पास हिंसा भड़क गई थी. पुलिस ने रबर की गोलियां और आंसू गैस के गोले दागे. आंदोलनकारियों ने भी ईंट-पत्थर से पुलिस कर्मियों पर हमला किया।

पश्चिम बंगाल की मौजूदा सीएम ममता बनर्जी ने टाटा नैनो प्लांट के विरोध में कई मार्च निकाले. इसके अलावा उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी. विवादों के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. इसके बाद टाटा समूह दूसरी जगह इस प्लांट को शिफ्ट करना चाहता था. गुजरात के साणंद में टाटा को भूमि मिली और साल 2008 में इस प्लांट को वहां शिफ्ट किया गया।

साल 2011 में जब ममता बनर्जी पहली बार सीएम बनी तो उन्होंने सिंगूर भूमि पुनर्वास और विकास विधेयक को पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित किया. इस विधेयक के जरिए  400 एकड़ कृषि भूमि किसान को वापस दी गई थी।

मिली जीत।  

स्पेशल से टाटा मोटर्स को भारी नुकसान हुआ टाटा ग्रुप इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल के उद्योग और उद्यम विभाग की प्रमुख नोडल एजेंसी वेपीएलडीसी के पास पहुंचा और इसे मैं आपसे के जरिए भरतरी किए जाने का दावा पेश किया था।

इस मामले में अब डाटा मोटर्स कंपनी जीत मिली है टाटा मोटर्स की ओर से कहा गया है कि तीन सदस्य न्यायाधिकरण में टाटा मोटर्स लिमिटेड के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है टाटा मोटर्स ko 765.78 करोड रुपए की राशि दी जाएगी इसमें 1 सितंबर 2016 से यूपी आईटीसी से वास्तविक बसोली तक 11% प्रति वर्ष की तरफ से ब्याज भी शामिल।

 

Share This Article
By Pinky
पिंकी एक अनुभवी समाचार लेखिका है, जो हिंदी में समाचार सामग्री लिखने में माहिर है। उन्होंने इस क्षेत्र में अपने 10+ वर्षों के अनुभव के दौरान अपनी योगदान की अद्वितीय छाप छोड़ी है। पिंकी एक विद्यार्थी के रूप में अपनी शिक्षा की शुरुआत कर चुकी है, लेकिन उन्होंने समाचार लेखन में अपना आदर्श क्षेत्र खोजा और अपने लिखावट के माध्यम से व्यापक पठकों को अद्वितीय तरीके से समझाने का काम किया है। पिंकी का 10+ वर्षों का समाचार लेखन क्षेत्र में अद्वितीय अनुभव है, और उन्होंने अपने काम के माध्यम से अपनी योग्यता का परिचय दिया है। उनका विशेष ध्यान समाचार लेखन के प्रति है, और वे सटीकता और जानकारी को अपने लेखन के माध्यम से व्यक्त करने में निष्ठावादी हैं।पिंकी के लेखन कौशल उनके सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर अद्वितीय ध्यान के साथ प्रस्तुत करते हैं, जिससे वे अपने पाठकों को विशेष रूप से सम्मोहित करते हैं। उन्होंने अपने कैरियर के दौरान कई बड़े समाचार पोर्टलों और प्रमुख प्रकाशकों के साथ काम किया है और विभिन्न समाचार विषयों पर लेखन किया है।पिंकी अपने व्यापक ज्ञान, लेखन कौशल, और समाचार के विशेष शौक के साथ हिंदी भाषा में समाचार प्रकाशन के क्षेत्र में एक अद्वितीय शख्सियत हैं। वे हमारे पाठकों को सटीक, विश्वसनीय और महत्वपूर्ण समाचार सामग्री प्रदान करने के लिए अपनी सार्थक योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं।पिंकी एक समाचार लेखिका के रूप में अपने अनुभव और योग्यता के साथ एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है, और हम उनके साथ होने पर गर्व करते हैं। उनके लेखन कौशल और जागरूकता से हमारे पाठक अब हिंदी समाचार के साथ और भी जुड़े रहेंगे।
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *