रेलवे की तरफ से प्रभावी बदलाव किया जा रहा है।इसके मुताबिक रेलवे अपने आरक्षण टिकट काउंटर को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है। अगले साल से पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे के लगभग सभी आरक्षण काउंटरों पर निजी कर्मचारी सेवा प्रदान करेंगे ।ऐसा करने से रेलवे के खर्चों में कमी आएगी।
इस कड़ी में एक ओर जहां बोर्ड ने पश्चिमी मध्य रेलवे कोटा मंडल को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना है। वहीं वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति की नई व्यवस्था प्रारंभ करने से पहले पार्टियों (आमजन या अन्य संस्थाओं) एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट की भी मांग को शामिल किया है।लोगों के सुझाव और प्रस्ताव के आते ही जरूरत के मुताबिक टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
रेलवे की ओर से दिशा निर्देश भेजे जा चुके
रेलवे की ओर से पश्चिमी मध्य रेलवे को दिसंबर तक परीक्षण करने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। परीक्षण के समय नजर में आने वाली कमियों को रेखांकित करके ,उसे खत्म करने के बाद मार्च 2023 तक दिशा निर्देश जारी करने की योजना है। वही अगले साल पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे के सभी आरक्षण काउंटरों पर निजी कर्मचारी बैठाने की पूरी योजना चल रही। बोर्ड इस व्यवस्था में प्रभावी बदलाव इसलिए ला रहा क्योंकि मौजूदा समय में काउंटरों की भीड़ काफी कम हो गई है।
बड़ी तादात में लोग आइआरसीटीसी की वेबसाइट से ले रहे टिकट
मालूम होगा कि पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में ही तकरीबन प्रतिशत लोग इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन की वेबसाइट ऑनलाइन टिकट बुक करने को तवज्जो दे हैं।यही नहीं रेलकर्मी भी ऑनलाइन सुविधा पास पर ऑनलाइन टिकट बुक कर ले रहे हैं ।इसी के चलते आरक्षण काउंटर की उपयोगिता पहले की अपेक्षा कम होती चली जा रही है।इसके साथ ही वेटिंग टिकट लेने वाले गिने-चुने यात्री ही काउंटरों तक पहुंच रहे हैं। ऐसे में अब काउंटर भी बनाए गए हैं। आठ से दस काउंटर की जगह पर मौजूदा समय में महज दो से तीन काउंटर में ही काम चल जा रहा है।