रोहणी नीलेकणी एक भारतीय लेखिका परोपकारी और इन्फोसिस के को पाउडर नंदन नीलेकणी की पत्नी है। हुनर इंडिया की शीर्षक परोपकारी सूची 2023 के मुताबिक रहने नीलकंठ भारत के सबसे बड़ी दानवीर महिला है। उन्होंने करीब 170 करोड़ रुपया दान किया है। वह देश की शीर्षक दानवीरों में शामिल इकलौते महिला है।
रोहणी नीलेकणी का जन्म 1960 में मुंबई में हुआ।रोहणी नीलेकणी अक्षरा फाऊंडेशन के अध्यक्ष है। जो प्रबंधन शिक्षा पर केंद्रित है। वह रोहणी नीलेकणी फिजियोथैरेपी की अध्यक्ष भी है पिछले तीनसालो में भारतीय सामाजिक क्षेत्र में उनका गहरा प्रभाव है उसका परोपकारी कार्य भारत नागरिक समाज के विभिन्न क्षेत्रों तक फैला हुआ है।
रोहणी नीलेकणी का 1960 में एक मध्यमवर्ग परिवार में जन्म हुआ। वह फिजियोथेरेपी की चेयर पर्सन है। इसके अलावा वह एक नाम में लेखक और समाजसेविका के रूप में भी पहचान रखती है। रोहिणी नीलेकणी ने इंटर कॉलेज से फ्रेंच साहित्य में डिग्री हासिल की है। और 1980 में मुंबई में मैगज़ीन में एक रिपोर्टर के रूप में काम किया है। फिर बेंगलुरु के सन्डे मैगजीन के लिए भी काम किया 1970 में रोहणी नीलेकणी ने नंदन की मुलाकात एक प्रतियोगिता में हुई थी। 1981 में नंदन होने से अन्य सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ एक्सेस के स्थापना की और उसके बाद दोनों ने शादी करी। नीलेकणी की दंपति जान्हवी और निहार नाम की दो संताने है।
भारत में और अधिक अमीर लोग गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर करें। यह तर्क देते हुए कि सितंबर 2022 में रोहिणी ने कहा था कि वह नागरिक समाज को बढ़ावा देने का समय आ गया है, उन्होंने कहा कि भारत के धन सृजनकर्ताओं को इस बारे में और अधिक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उन मुद्दों से निपटने में सहानुभूति की भूमिका भी महत्वपूर्ण है जो वर्तमान में लोगों को उनके विशेषाधिकार के कारण प्रभावित नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, यह देखना एक नैतिक और रणनीतिक अनिवार्यता है कि हम सभी कितने जुड़े हुए हैं।
भारत में सबसे अमीर 2 हजार लोगों के पास जिस तरह की संपत्ति है। उससे परिवार सात या आठ पीढ़ियों तक आराम से चल सकता है। इसलिए वास्तव में कोई असुरक्षा या डर नहीं रहना चाहिए। और कह की मैं चाहती हूं कि और लोग प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करें।
नीलेकणी दंपति का सालाना दान कम 189 करोड रुपए का रुपए और 117 करोड रुपए है यह परोपकारी कार्य के लिए दान में दिया है। उन्होंने कहा कि नीलेकणी दंपति ने गिविंग प्लेन हस्ताक्षर परकर चुकी है। और उन्हें अधिक दंपति परोपकारी के लिए दान देने की बात करते हैं उन्होंने परोपकारी कार्य के लिए अपने योगदान राशि को 80 करोड रुपए और बढ़ाया है जिससे अब कुल राशि 360 करोड रुपए तक पहुंच गई है।