सुभाष चंद्र बोस की बेटी ने कंगना रनौत के दावों को दिया तगड़ा जवाब !

Shilpi Soni
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Subhash Chandra Bose's daughter gave a strong reply to Kangana Ranaut's claims

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी हैं अनीता बोस। उन्होंने अपने पिता और महात्मा गांधी के संबंधों पर अपने विचार रखे हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ ने बताया कि ‘उनके पिता और महात्मा गांधी के बीच एक जटिल रिश्ता था। उनके मुताबिक, ऐसा इसलिए था क्योंकि गांधीजी को लगता था कि वो नेताजी को कंट्रोल नहीं कर सकते थे।’ अनीता बोस ने ये बातें एक इंटरव्यू में कहीं। उन्होंने ये भी बताया कि उनके पिता गांधीजी के बड़े प्रशंसक थे।

अनीता बोस ने कंगना रनौत के उस बयान को लेकर भी बात रखी जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधीजी नेताजी को अंग्रेजों को सौंपने के लिए तैयार थे। इस पर जवाब देते हुए अनीता बोस ने कहा, ‘वो दोनों ही (गांधीजी और नेताजी) महान हीरो है, जिन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी। एक के बिना दूसरा कुछ नहीं कर सकता था…. ये कॉम्बिनेशन था। ऐसा बिल्कुल नहीं है, जैसा कांग्रेस के कुछ सदस्य दावा करते रहे हैं कि आजादी सिर्फ अहिंसा के बलबूते मिली है। हम सभी जानते हैं कि नेताजी और इंडियन नेशनल आर्मी (INA) का भी भारत की आजादी में योगदान है।’

 

उन्होंने आगे कहा, ‘ये कहना भी कोई सेंस नहीं होगा कि सिर्फ नेताजी और INA ने ही भारत को आजादी दिलाई। गांधीजी ने कइयों को प्रेरित किया और उसमें नेताजी भी शामिल थे… लाखों भारतीयों ने आजादी की लड़ाई में योगदान दिया था।

तुषार गांधी ने भी दिया कंगना को जवाब

कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम पर कई पोस्ट के जरिए दावा किया था कि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह को महात्मा गांधी का समर्थन नहीं मिला था। कंगना ने ये भी कहा था कि दूसरा गाल आगे करना ‘भीख’ है, न कि आजादी। इसके अलावा कंगना ने ये भी कहा था कि आजादी हमें ‘भीख’ में मिली है।

कंगना के इस बयान पर अब महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी का भी जवाब आया है। तुषार गांधी ने कहा कि ‘ये बात गलत है कि भगत सिंह के लिए महात्मा गांधी ने कुछ नहीं किया। महात्मा गांधी ने उनकी मौत की सजा रुकवाने की कई अपील की थी।’

कंगना के विवादित बयान पर 'बापू' के पड़पोत्र तुषार गांधी का जवाब- दूसरा गाल  बढ़ाने के लिए बहुत साहस की जरूरत होती है bapu great grandson tushar gandhi  reply on ...

वहीं, सुभाष चंद्र बोस को अंग्रेजों को सौंपने की बात पर तुषार ने कहा कि’ इसका जवाब दे पाना बहुत ही हास्यास्पद है। गांधी विरोधियों को समझाने के मुकाबले दूसरा गाल आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा साथ की जरूरत होती है।’

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