फलों और सब्ज़ियों की पैकिंग का बिज़नेस शुरू करने के लिए, बिहार सरकार किसानों को पैक हाउस की स्थापना के लिए सब्सिडी दे रही है. इस सब्सिडी के तहत, किसानों को 50 फ़ीसदी तक सब्सिडी मिल सकती है। पैक हाउस की लागत करीब 4 लाख रुपये है. इसमें 50 फ़ीसदी सब्सिडी मिलने पर किसानों को कुल 2 लाख रुपये बतौर ग्रांट मिल सकते हैं। बिहार सरकार की ओर से यह सब्सिडी बागवानी मिशन के तहत दी जा रही है।
फलों और सब्ज़ियों की पैकिंग का बिज़नेस शुरू करने के लिए, आप ये कदम उठा सकते हैं। पैक हाउस की स्थापना करें।अपनी खुद की वेबसाइट बनाएं और अपनी सब्जी निर्यात सेवाओं का प्रचार करें।मध्य पूर्व के खरीदारों को लक्षित करें।
भारत के अधिकांश जैविक खाद्य पदार्थ मध्य पूर्व में निर्यात किए जाते हैं। 2022-23 के दौरान, भारत ने 13185.30 करोड़ रुपये/ 1635.95 अमेरिकी डॉलर मिलियन के ताज़े फल और सब्ज़ियों का निर्यात किया।
बिहार केकिसानों को पिछले खरीफ सीजन में बाढ़, बारिश और सूखा का सामना करना पड़ था. सूखे के कारण बड़ी संख्या में फसल बर्बाद हो गई थी. वहीं, अब राज्य सरकार किसानों को फल और सब्जी के अलग अलग बिजनेस के लिए प्रमोट भी कर रही है. बिहार सरकार अब फल और सब्जियों की सुरक्षित पैकिंग के लिए पैक हाउस बनाने पर मोटी सब्सिडी दे रही है।
बिहार सरकार सब्जियों और फलों की सही ढ़ंग से पैकिंग के लिए पैक हाउस की स्थापना करने पर जोर दे रही है। इसमें किसानों को 50 फीसदी तक सब्सिडी मुहैया कराई जा रही है। इन पैकिंग हाउस की लागत करीब 4 लाख रुपये है। इसमें 50 फीसदी सब्सिडी मिलने पर किसानों को कुल 2 लाख रुपये बतौर ग्रांट आसानी से मिल जाएगें।
किसान यहां करें अप्लाई
राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत पैकिंग हाउस स्थापना काम काम कराया जाएगा। योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को बिहार सरकार के बागवानी विभाग में जाकर आवदेन कर सकते हैं. आवेदन करते समय सभी जरूरी डॉक्यूमेंट होने चाहिए. डॉक्यूमेंट न होने या कम होने की स्थिति में आवेदन नहीं हो सकेगा. बिहार सरकार किसानों को कोल्ड स्टोर बनाने पर भी सब्सिडी दे रही है।
3 लाख तक मिल रही सब्सिडी
फल सब्जी पैकिंग के लिए पैकिंग हाउस बढ़िया बिजनेस होता है. बिहार सरकार पैकिंग हाउस की स्थापना के लिए 50 प्रतिशत और अधिक तक सब्सिडी दे रही है. पैक हाउस बनाने में 4 लाख रुपये तक का खर्चा आता है. इस पर 50 प्रतिशत सब्सिडी यानि 2 लाख रुपये दिए जाएंगे. FPO/FCO से जुड़े किसान समूहों को 75 प्रतिशत तक यानि 3 लाख रुपये तक सब्सिडी दी जाएगी।