Swara Bhaskar: स्वरा भास्कर आज बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस है. इनमें तनु वेड्स मनु, रांझणा और वीरे दी वेडिंग जैसी फिल्में करके प्रसिद्धि प्राप्त की है. अपनी अदाकारी के दम पर उन्होंने के बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम हासिल कर लिया है. उन्होंने नेपोटिज्म के खिलाफ भी आवाज उठाई है. स्वरा भास्कर 2008 में दिल्ली से मुंबई आई थी. इन्होंने अपनी जर्नी को लेकर एक बयान दिया है.
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि मेरी मां ने जरूरत की सभी चीजें मेरे साथ पैक कर दी थी. लेकिन मुझे रहने के लिए घर नहीं मिल रहा था तो मैं 1 महीने तक अपने दोस्त के साथ रही. इसके अलावा मुझे घर ढूंढने के लिए भी दर बदर की ठोकरें खानी पड़ी. इन्हे साल 2009 में ‘माधोलाल कीप वाकिंग’ से बॉलीवुड इंडस्ट्री में पहला ब्रेक मिला. इसके बाद साल 2010 में फिल्म गुजारिश के बाद इन्हें पहचान मिली.
Swara Bhaskar: संदूक भर कर लाई थी सामान
जब यह पहली बार मुंबई आई तो इनकी मां ने एक संदूक दिया. इन्होंने बताया कि वह शाहरुख खान जैसे फिल्म स्टार बनना चाहती थी और अपना सारा सामान लेकर मुंबई एयरपोर्ट आ गई. बिल्कुल गांव की तरह ही मेरे माता पिता ने मुझे एक बेंडिंग रोल भी दिया था. मैं एक संदूक में मेरा सारा सामान लेकर मुंबई आई थी, जिसे शायद किसी ने सालों से इस्तेमाल भी नहीं किया.
मुझे लगता था कि मेरी शादी कभी नहीं होगी, इसलिए जो भी सारा सामान था, वह मैं संदूक में भरकर ले आई थी. उसे संदूक में प्रेशर कुकर, बर्तन और पॉट्स थे. अगर कोई मेरे सामान को देख लेता तो उसे हंसी आ जाती, इतना ज्यादा सामान लेकर मैं मुंबई आई थी. जिस जिस सामान की मुझे जरूरत थी, वह सारा सामान संदूक में था.
Swara Bhaskar: घर ढूढ़ने में हुई बहुत परेशानी
अगर मैं और मेरी सहेली कहीं घर ढूंढने जाते तो मकान मालिक हमें देखकर आवारा लड़की समझते था. ऐसी लड़कियां जो अपने बॉयफ्रेंड के साथ घूमती रहती हैं. इसलिए हमें घर ढूंढने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. एक मकान मालिक ने तो किराया देने से पहले नियमों की लिस्ट पकड़ा दी थी. जिसे देखकर स्वरा हैरान रह गई.
Swara Bhaskar: महीनों तक ऑफिस में रही
स्वरा भास्कर ने आगे बताया कि मैं अंधेरी में रहती थी और घर गोरेगांव में मिला जो कि अभी पूरा भी नहीं बना था. तब तक मैंने एक ऑफिस में रातें गुजारी है, जिसमें सुबह 9:00 बजे से पहले मुझे निकलना था और शाम को 6:00 बजे ही वापस आना था. उस समय मैं सड़कों और मॉल्स पर बैठा करती थी. यह ऑफिस अंजुम राजाबली का था जो स्क्रीनराइटर है. इन्होंने साल 2010 में आई फिल्म राजनीति लिखी थी.
इसके बाद हर रोज मुझे ऑफिस से फोन आते थे कि तुमने पानी खत्म कर दिया, क्योंकि हम दोनों लड़कियों को सुबह 9:00 बजे से पहले नहा धोकर बाकी का सारा काम करके वहां से निकलना होता था. एक समय ऐसा भी था, जब मैं गोरेगांव के वन बैडरूम किचन वाले अपार्टमेंट में 6 लोगों के साथ रहती थी.
स्वरा भास्कर ने बॉलीवुड में आने से पहले थिएटर में काम किया था. 2010 में इन्होंने गुजारिश और 2011 में तनु वेड्स मनु में शानदार अभिनय किया. उनकी आगामी फिल्म ‘जहां चार यार’ आ रही है.