Teeth cleaning:छोटे बच्चों को दांत, जीभ और मसूड़े की सफ़ाई करना अच्छे से सिखाएं। आपको इसके लिए बहुत सारी बातों पर ध्यान देना पड़ेगा। तभी आपके बच्चे का दांत स्वस्थ रहेगा।
शुरू से ही बच्चों को दांत साफ करने को लेकर अच्छे से आदत दिलवानी चाहिए। दातों में समस्या होना भी एक बहुत बड़ी बीमारी का कारण बन सकता है। बच्चों को हमेशा कुछ ना कुछ जैसे चॉकलेट, आइसक्रीम, बर्गर, जंक फूड्स इत्यादि खाने की आदत होती है, जिससे कैविटीज (Oral health) उनके दांतों में रह जाते हैं। ऐसे में अगर माता-पिता दांतो के सफाई पर ध्यान ना दें तो बच्चों के दांतो में संक्रमण फैल सकता है। संक्रमण फैलने पर दांतों में दर्द, सड़ने, मसूढो में कीड़े लगने और गड्ढा बनने की समस्या हो जाती है। इसलिए एक बार सुबह और एक बार रात में सोते समय दांतों में ब्रश करना बहुत ज़रूरी होता है।
खासकर जब बच्चा 3 साल (Teeth cleaning) से छोटा हो तो विशेष रूप से बच्चे के ओरल हेल्थ पर ध्यान देना पड़ता है। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि आप अपने बच्चे को दांत, मसूढे़ और जीभ की सफाई के बारे में कैसे सजग करें। ताकि आगे चलकर उसे दांतो से जुड़ी कोई समस्या ना हो।
छोटे बच्चों के दांतो को कैसे साफ़ करें? (How to clean children’s teeth)
छोटे बच्चों के दांत देखने में जितने ख़ूबसूरत नज़र आते हैं, कीड़े पड़ने पर ये दांत उतने ही भद्दे नज़र आने लगते हैं। इसलिए हर रोज़ दो बार बच्चों के दांत की सफ़ाई बहुत ज़रूरी होती है। बच्चों के दांतो को साफ़ करने के लिए आप इन तरीकों को अपना सकते हैं।
1. साफ हाथों से करें दांतों की सफाई (Clean the teeth with clean hands)
जब बच्चा बहुत छोटा हो तो उसके दांतो को ब्रश के बजाय हाथों से सफाई करें। ब्रश से बच्चों के दांतों की सफ़ाई करने पर उनके मसूढे़ छिल सकते हैं। आप बच्चों के दांतो को सुबह उठने के बाद और रात में सोने से पहले उंगलियों से सफाई करें। दो बार सफ़ाई करने से बच्चे जो भी खाते हैं तो उसके जर्म्स उनके दांतो में नहीं रह पाते हैं। इससे बच्चों के दांत साफ़ रहते हैं। लेकिन दांतो की सफ़ाई से पहले ध्यान रखें कि आप अपना हाथ बिल्कुल ही साफ़ रखें।
2. सूती कपड़े से करें मुंह की सफ़ाई (Clean the mouth with a cotton cloth)
आप सूती कपड़े की मदद से भी बच्चों के मुंह की सफ़ाई कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आप सूती कपड़े को अपनी उंगलियों में लपेट लें। उसके बाद दातों और जीभ की सफ़ाई करें। इससे बच्चों को कोई दर्द या परेशानी नहीं होगी।
3. टूथपेस्ट का इस्तेमाल कम मात्रा में करें (Use toothpaste in moderation)
1 से 2 साल के बच्चों के दांतो की सफ़ाई के लिए बहुत कम मात्रा में टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। ज़्यादा मात्रा में टूथपेस्ट के इस्तेमाल से बच्चों के दांतों में समस्या हो सकती है। आप चाहे तो डॉक्टर की सलाह पर किसी अच्छे टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। सफ़ाई के लिए आप अपनी उंगलीयो या एकदम मुलायम ब्रश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. बच्चों के खान-पान का रखें ख़ास ख़्याल (Take special care of children’s diet)
जीभ और दांत की सफाई के साथ इस बात पर भी ध्यान दें कि बच्चे दूध की बोतल को मुंह में लिए ही ना सो जाएं। अक्सर बच्चे दूध पीते-पीते सो जाते हैं। और दूध की बोतल बच्चे के मुंह में ही रह जाती है। दूध की बोतल बच्चे के मुंह में रह जाने से बच्चे के दांत ख़राब हो सकते हैं। आप बच्चों को बहुत ज़्यादा मीठी चीज़ें ना खाने दें। इससे उनके ओरल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है।
कैसे रखें थोड़े बड़े बच्चों के दांतो का ख़्याल?How to take care of the teeth of slightly older children?
एकदम छोटे बच्चों की तुलना में थोड़े बड़े बच्चों के दांतो की सफ़ाई करने में थोड़ी परेशानी होती है। थोड़े बड़े बच्चों के दूध वाले दांत होते हैं, जो अक्सर हिलते रहते हैं या टूट भी जाते हैं। ऐसे में बच्चों के लिए बहुत मीठी और हानिकारक चीजों का सेवन करना ठीक नहीं होता है। इस उम्र में उनके दांतो की सफ़ाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। वर्ना उन्हें ओरल हेल्थ की समस्या हो सकती है। ऐसे में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखें जैसे-
1:- 3 से 7 साल तक के उम्र के बच्चों के लिए हमेशा मुलायम ब्रिशल्स वाले ब्रश खरीदें। इस उम्र में बच्चों को बहुत बड़ा टूथब्रश ना दें। बड़े ब्रश से उनके दांतों और मसूड़ों में चोट लग सकती है। बच्चे छोटे ब्रश की मदद से अपने दांतो की अच्छे सफ़ाई कर सकते हैं।
2:- बच्चों को दातों की सफाई के लिए कभी भी फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट ना दें। कई बार बच्चे ब्रश करते समय टूथपेस्ट के झाग को निगल जाते हैं। इससे बच्चों को समस्या हो सकती है। अगर बच्चे को बाहर थूकना नहीं आता है, तो बच्चे के पास खड़े होकर उन्हें झाग को बाहर थूकना सिखाएं। वहीं अगर बच्चा बाहर थूकना सीख जाता है तब उन्हें फ्लोराइड टूथपेस्ट दिया जा सकता है।
3:- अक्सर बच्चे सिर्फ़ दातों की सफ़ाई पर ही ध्यान देते हैं। जीभ और मसूड़े ऐसे ही छोड़ देते हैं। ऐसे में पूरे मुंह की ठीक ढंग से सफ़ाई नहीं हो पाती। इसलिए बच्चे को दातों के साथ-साथ जीभ और मसूड़े की सफ़ाई के बारे में भी अच्छे से सिखाएं। साथ में बच्चों को यह भी बताएं कि कुछ भी खाने के बाद अच्छे से कुल्ला करना चाहिए। ताकि दांतों में जर्म्स ना रह पाए।
4:- आप बच्चे को वीडियो के माध्यम से भी सफ़ाई के बारे में जागरूक कर सकते हैं। कई बार होता क्या है कि बच्चे झूठ बोल देते हैं कि उन्होंने ब्रश कर लिया है। जिससे उनकी दांतों में समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में आप हर रोज़ उनसे दांतों की सफ़ाई के बारे में पूछना ना भूलें। हो सकता है आपका बच्चा एनिमेटेड या कार्टूंस वाले वीडियोज देखकर मुंह की सफ़ाई करने के लिए प्रेरित हो।
5:- अपने बच्चे को शुरू से ही रात में भी ब्रश करने की आदत दिलाएं। आप बच्चे को रात में ब्रश करने के फ़ायदे के बारे में ज़रूर बताएं। ताकि बच्चे रात में ब्रश करना ना भूले।
दांतों की सफ़ाई के कुछ टिप्स (Some tips for cleaning teeth)
– बच्चों को बताएं कि ब्रश करते समय दांतों पर कभी बहुत ज़्यादा ज़ोर ना दें।
– बच्चों को यह भी ज़रूर बताएं कि उन्हें कितनी देर और किस तरह से ब्रश करना है।
– रात के समय बच्चों को कभी ज़्यादा मीठा नहीं खाने दें।
– बच्चे को जीभ और मसूड़े साफ़ करने के सही तरीक़े बताएं।
– हर 6 महीने के अंतराल पर बच्चों के दांतो को डॉक्टर से ज़रूर चेकअप करवाएं।
– कोशिश करें कि बच्चे का ब्रश उनके मनपसंद का या कार्टून वाला हो। ताकि उन्हें ब्रश करने में मज़ा आए।
– कभी-कभी छोटे बच्चे के अच्छे से ब्रश करने पर उनकी तारीफ़ ज़रूर करें या उन्हें कोई गिफ्ट ज़रूर दें।
इस तरह आप बच्चों में इन आदतों का विकास कर सकते हैं। इन सारी बातों पर ध्यान देने से बच्चों के दांत हमेशा स्वस्थ रहेंगे। उनमें कभी कोई समस्या नहीं होगी।