गर्मियों का मौसम आ चुका है. इन दिनों सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं. अभी तक आपने प्याज, टमाटर और आलू के दामों में तेजी की खबरें ही सामान्यत: देखी होंगी. लेकिन इस बाहर तो नींबू ने सब की वाट लगा के रख दी. आखिर क्यों एकदम नींबू के भाव जिस तरह बड़े?
नींबू के भाव में एकदम बढ़ोतरी की वजह से राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश के लिए समस्या बन चुकी है. लेकिन अभी तक समझ में नहीं आ रहा कि एकदम नींबू में इतना उछाल कैसे आ गया. लोगों के लिए गर्मी से राहत के लिए एक मात्र देसी उपाय था. उसे पाने के लिए भी अब लोगों को जेब ढीली करनी पड़ेगी..
वैसे तो नींबू के भाव बढ़ने के कई कारण बताए जा रहे हैं. थोक में भी नींबू के दाम कम नहीं है. इन दिनों नींबू का भाव थोक मंडियों में भी 150 से 250 रुपए किलो बिक रहे हैं. और खुले मार्केट में तो नींबू के दाम ₹500 किलो तक पहुंच चुके हैं.
नींबू के बढ़े दामों की वजह से उन से बने उत्पादों का तो मजा ही खराब हो गया है. गली-ठेले में मिलने वाला एक ग्लास नींबू पानी अब कोको-कोला से भी महंगा बिक रहा है. ऐसे में लोग विदेशी ब्रांड पेप्सी कोकोकोला पीना अधिक पसंद कर रहे हैं.
नींबू के दाम बढ़ने का सबसे पहला कारण समय से पहले गर्मी का तेज पढ़ना इसी वजह से यहां नींबू की आवक कम होने की वजह से
इसके दाम ज्यादा देना पढ़ रहा है. इस बार मौसम परिवर्तन की वजह वजह से नींबू का उत्पादन भी कम ही हुआ है. किसानों ने बताया कि इस बार उनके पेड़ों में फल नहीं आए हैं. ऐसा क्यों हुआ , इस पर वो हैरानी व्यक्त करते हैं.