वायरल रनिंग ब्वॉय प्रदीप के घर अल्मोड़ा पहुंची प्रशासन की टीम, जानें क्या बोले अधिकारी

Ranjana Pandey
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उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में चौखुटिया में रहने वाले प्रदीप मेहरा सोशल मीडिया सेंसेशन बन चुके। दिन में नौकरी और रात को सेना में भर्ती के लिए नोएडा में 10 किलोमीटर की दौड़ लगाने वाले प्रदीप मेहरा का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। प्रदीप मेहरा अपने जज्बे और जुनून से सबके दिलों पर छा गए। नौकरी के साथ ही सेना में भर्ती होने के समर्पण को देख हर कोई दंग है। आम लोगों से लेकर उद्योगपति, खिलाड़ी, फिल्म स्टार से लेकर विश्वस्तर पर उनकी तारीफ हो रही है। प्रदीप का वीडियो वायरल होने के बाद अल्मोड़ा प्रशासन की टीम भी प्रदीप के गांव पहुंची जहां उन्होंने प्रदीप के पिता से मुलाकात की।

बेहद गरीबी से जुझ रहा है परिवार

जिला प्रशासन की ओर से चौखुटिया के तहसीलदार हेमंत मेहरा और राजस्व उपनिरीक्षक शेखर आर्य प्रदीप के गांव ढनाड़ पहुंचे। उन्होंने प्रदीप के पिता से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने बताया कि प्रदीप का परिवार बेहद गरीबी में जीवन व्यापन कर रहा है।

मां लंबे समय से बीमार

तहसीलदार हेमंत मेहरा ने कहा कि प्रदीप की मां बीमार है जिनका इलाज चल रहा है। प्रदीप की मां बीना मेहरा बीते दो साल से बीमार है। एक साल पहले वह दिल्ली के नागलोई में अपनी बहन के पास रहकर इलाज करा रही है। उसके बच्चे माँ के इलाज में मदद कर रहे हैं। उसको फेफड़ों में सूजन रहने की बीमारी है।

आर्थिक मदद की जरूरत

उन्होंने कहा कि वायरल रनिंग ब्वॉय प्रदीप के परिवार को आर्थिक मदद की बहुत जरूरत है। उन्होंने प्रदीप के पिता त्रिलोक सिंह मेहरा से इस संबंध में अर्जी ले ली गई है। उन्होंने कहा कि यह जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दी गई है।

 

आपदा में गिर गया घर

प्रदीप के पिता त्रिलोक सिंह मेहरा धनाड़ गांव में ही रहते हैं। वह काफी गरीब है। गांव मे रहकर खेतीबाड़ी करते हैं। वहां फोन तक की सुविधा नहीं है। पैतृक आवास आपदा से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहां अब कोई नहीं रहता। वर्तमान में वह इंदिरा आवास से बने एक मकान में रहते हैं।

12वीं बाद छोड़नी पड़ी पढ़ाई
प्रदीप के परिवार की काफी गरीब है, इसलिए 12वीं के बाद उसके माता-पिता आगे नहीं पढ़ा सके। वह नोएडा में एक निजी फूड कंपनी में काम करते हुए अपने सपने पूरे करने की कोशिश में लगा हुए है। काम के साथ वह सेना में नौकरी के लिए रात को दौड़ कर अपने रूम तक पहुंचते हैं।

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