मैट रीव्स का बैटमैन, इस पॉपुलर सुपरहीरो कैरेक्टर का सबसे सादा, सबसे ज्यादा जूझता, सबसे तबाह और सबसे बेहतरीन डिटेक्टिव वर्ज़न है। रॉबर्ट पैटिन्सन का बैटमैन जब अपना सूट उतारकर अपनी पीठ आपकी तरफ किए दिखता है तो दो आपको वो सब साफ़ दिखता है, जो बीते दो सालों में उसने अपने शहर, अपने गॉथम को साफ़ रखने के लिए झेला है।
फिल्म के पहले सीक्वेंस में ही साफ़ हो जाता है कि ये अभी तक की फिल्मों में दिखा गॉथम नहीं है, ये बहुत अलग है। इस गॉथम में बस स्क्रीन पर कलर टोन बदल देने से आने वाला ग्रे-शेड नहीं है; बल्कि इसकी इमारतें भी पुरानी-जर्जर और दीवारों में अपराध की बू लिए हैं ।
एक रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर को लूट रहे गैंग के सामने आता बैटमैन, आपको जब पहली बार स्क्रीन पर दिखता है तभी समझ आ जाता है कि यहां मामला अलग है। कैसे?
वो ऐसे कि इस बैटमैन ने किसी गाड़ी या फिर हीरोपन वाले स्टाइल में एंट्री नहीं ली थी। बल्कि कदमताल करते अपराधियों को सबक सिखाया था।
जब गैंग का मेंबर बैटमैन से परिचय पूछता है तो जवाब मिलता है ‘रिवेंज’ यानी ‘बदला’ ।और ये जवाब तुरंत नहीं आता, 2 सेकंड रुक कर आता है, ऑलमोस्ट जैसे जवाब सोचने में वक़्त लिया गया हो। मैट रीव्स की ‘द बैटमैन’ में यही सबसे बड़ी खासियत है। पैटिन्सन का बैटमैन पूरी तरह अपनी ‘विजिलांते’ साइड को शुरू से चमकाता नहीं फिरता।
वो अपनी इस शख्सियत को रेशा-दर-रेशा बुनता है और अगर आपने कभी हथकरघे की बुनाई देखी हो, तो समझिए कि स्क्रीन पर इस बैटमैन का बुना जाना इतना ही खूबसूरत है। इस खूबसूरती को स्क्रीन पर उतारने में रीव्स के सबसे बड़े साथी हैं- सिनेमेटोग्राफर ग्रेग फ्रेज़र, जिन्होंने ऑस्कर नॉमिनेटेड ‘ड्यून’ पर भी काम किया था; और माइकल जियाचीनो का म्यूजिक स्कोर। कहानी बस इतनी समझिए कि इस पहले सीन के बाद ही गॉथम के मेयर की लाश बरामद होती है, जो सिर्फ लाश नहीं है, उसे खौफ का परचम बना दिया गया है। टेप किए हुए उसके मुंह पर लिखा है ‘अब और झूठ नहीं’। साथ में है बैटमैन के लिए एक छोटे से कार्ड में लिखी पहेली। ये काम है ‘रिडलर’ का। उसके कैरेक्टर का कहानी से रिश्ता जितना ज्यादा यहां लिखा जाएगा वो स्पॉयलर होता जाएगा, इसलिए एक लाइन में समझ लीजिए: आधी फिल्म के बाद आपको समझ नहीं आएगा कि ‘प्रतिशोध’ असल में कहा किसे जाए बैटमैन को या फिर उसके इस चैलेंजर को?
क्रिस्टोफर नोलन से लेकर बाक़ी सभी पिछले बैटमैन के मुकाबले यहां आपको विलेन स्क्रीन पर बहुत कम समय के लिए दिखता है। लेकिन जब आत है तो रिडलर बने पॉल डानो को देखकर आपको अपने अन्दर कुछ तो हिलता हुआ महसूस होगा! बैटमैन के साथ कैटवुमन यानी सेलीना काइल भी हैं रीव्स ने बैटमैन को डिटेक्टिव वाला स्टाइल देकर कॉमिक्स से उसका एक उधार वापिस किया है जो पिछली फिल्मों में कहीं खो गया था। क्रिश्चियन बेल और बेन एफ्लेक, दोनों के बैटमैन में वायलेंस की एक आंधी थी, दोनों ने जमकर एक्शन किए। पैटिन्सन का बैटमैन स्क्रीन पर गिनकर शायद 3 बार फुल ऑन एक्शन करता दिखता है, हालांकि जितना करता है वो बहुत स्टाइलिश और शानदार लगता है।
लेकिन कुल मिलाकर मैट रीव्स की फिल्म बैटमैन को एक बिलकुल नए सांचे में ढालती है और बिना शक सबसे बेहतरीन तरीके से शूट हुई बैटमैन फिल्म्स में से एक है। ‘द बैटमैन’ की विजुअल लैंग्वेज बहुत गहरी है और पॉप कल्चर में बहुत पॉपुलर हो चुके इस किरदार को पूरी तरह एक नए रंग में ढालती है। लेकिन इस विजुअल लैंग्वेज के साथ एक थिएटर फाड़ एक्शन धमाका टाइप उम्मीद रख रहे दर्शक को थोड़ा सा निराश करेगी।