इंटरनेशनल बॉडी बिल्डर का खिताब जीतने वाली राजस्थान की पहली महिला की संघर्ष की कहानी

Ranjana Pandey
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21 वीं सदी में आज हम ये कह सकते हैं की महिलाएं आज इतनी तरक्की कर चुकी है कि वह पुरुषों के कंधे से कंधे मिलाकर चलने का दम रखती है। ऐसे कई महिलाएं हैं जिन्होंने पुरुषों से कई ज्यादा बेहतर तरक्की की है और निरंतर कर रही है।

आज लड़कियों किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं है बल्कि उन्हें हर क्षेत्र में एक कड़ा कॉम्पिटिशन देते नजर आ रहे हैं। इस बात को सिद्ध करती है राजस्थान की पहली महिला बॉडीबिल्डर जिनका नाम प्रिया सिंह है।प्रिया राजस्थान के बीकानेर की दलित परिवार में जन्मीं प्रिया सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में एक गोल्ड मेडल जीतकर अपना और अपने प्रदेश के साथ साथ अपने देश का नाम भी रोशन किया।

थाईलैंड में हुई अंतर्राष्ट्रीय महिला बॉडी बिल्डिंग प्रकृति योगिता में राजस्थान के बीकानेर की प्रिया सिंह ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता था। इस जीत ने उन्हें काफी लोकप्रिय बनाया। हाल ही में उन्हें मुंबई में रियल हीरोज ऑफ इंडिया का खिताब दिया गया।

थाईलैंड में अंतरराष्ट्रीय महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता जीतने वाली प्रिया सिंह की निजी जिंदगी में काफी उथल पुथल रही। उनकी शादी महज आठ बरस की उम्र में ही करा दी गयी थी। घर में पैसों की तंगी की वजह से उन्हें जिम में काम करना पड़ा। वहाँ काम करते हुए उन्होंने देश में आयोजित कई बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में भाग लेना शुरू किया।

देश में आयोजित हो रहे बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में भाग लेकर वह तीन बार लगातार मिस राजस्थान रह चुकी हैं। उनका मानना है कि उनकी जिनकी नौकरी नहीं उन्होंने इस सेहत को बनाने में सहायता दी।

इसके बाद उन्होंने खुद जिम ट्रेनिंग ली और राजस्थान की पहली महिला बॉडी बिल्डर बनने दुनिया मे भारत का नाम रोशन किया। यह बात बड़ी हैरानी वाली है लेकिन प्रिया सिंह मेघवाल दो बच्चों की माँ भी हैं। लेकिन कभी भी उन्होंने अपने कॉम्पटीशन और ट्रेनिंग के बीच समझौता नहीं किया। उन्होंने अपनी प्रोफेशनल लाइफ पर्सनल लाइफ को बेहद अच्छी तरह से निभाया।

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