सरसों तेल अब अपने उच्चतम स्तर से करीब 46 रुपये प्रति लीटर सस्ते में बिक रहा है, जिसकी आप जल्द खरीदारी कर मोटी रकम बचा सकते हैं। सरसों तेल का उच्चतम रेट 210 रुपये प्रति लीटर था, जो अब 164 रुपये दर्ज किया जा रहा है। तो चलिए जानते हैं कि आपके राज्य में एक लीटर सरसों के तेल की कीमत कितने रुपये है।
दरअसल, भारतीय खुदरा बाजारों में सरसों के तेल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है, जिसकी वजह से जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सरसों का तेल महज 164 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। बता दें कि बीते साल दिसंबर में सरसों के तेल का उच्चतम स्तर 210 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया था। इस तरह से देखें तो पहले के अपेक्षा सरसों के तेल की कीमतों में 46 रुपये की कमी देखने को मिल रही है।
विशेषज्ञों का दावा है कि सरसों का तेल खरीदने का ये अच्छा और सुनहरा मौका है क्योंकि कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरसों तेल की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। फिलहाल चल रहे सरसों तेल की कीमतों के मुताबिक, सरसों तेल की 10 लीटर की खरीदारी पर आप लगभग 460 रुपये बचा सकते हैं।
ऐसे जानिए सरसों तेल का रेट
उत्तर प्रदेश के गौंडा में सरसों तेल की कीमत 180 रुपये प्रति लीटर दर्ज किया जा रहा है। मुजफ्फरनगर में सरसों तेल का भाव 166 रुपये प्रति लीटर दर्ज किया जा रहा है। शाहजहांपुर में 24-26 मई तक तक 169 रुपये प्रति लीटर देखने को मिला। कानपुर में सरसों तेल की कीमत 26-27 मई को 180 रुपये दर्ज की गई।
वहीं, 26 मई को प्रयागराज में सरसों का तेल दो सप्ताह की तरह 164 रुपये और 27 मई को बहराइच में 172 रुपये प्रति लीटर देखने को मिली। लखीमपुरखीरी में 150 रुपये प्रति लीटर हैं। 30 मई को सरसों के तेल की कीमत एटा में 137 रुपये प्रति लीटर तक जा पहुंची।
30 मई को गाजियाबाद में 164 रुपये प्रति लीटर दर्ज किए गए थे। 27 मई को कन्नोज में पिछले दो सप्ताह से 143 रुपये और 29 मई को एटा में महज 134 रुपये प्रति लीटर दर्ज किया गया। इसलिए आपके पास खरीदारी का यह सबसे अच्छा मौका है, जिसे लेकर ग्राहकों में काफी उत्साह देखने देखने को मिला।
सरसों का तेल सस्ता क्यों हुआ?
दरअसल, इंडोनेशिया सरकार ने 23 मई से पॉम ऑयल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है, जिसकी वजह से विदेशों में सूरजमुखी को छोड़कर सोयाबीन, पामोलीन समेत कई तेलों की कीमतों में भारी कमी देखने को मिली है। यही वजह है कि देश में सरसों तेल के अलावा सोयाबीन और मूंगफली के तेलों की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल रही है।