आज कल की आम जिंदगी में स्मार्टफोन एक अहम हिस्सा बन गया है। हमारी जीवनशैली में स्मार्टफोन का होना नकारा नहीं जा सकता। आज स्मार्टफोन की ताकत का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं की हम एक छोर पर बैठकर दुनिया के दूसरी छोर पर बैठे सारी खबरें ले सकते हैं। यूँ तो स्मार्टफोन हमारे जीवन शैली का एक अहम हिस्सा है ।पहले, स्मार्टफोन के भारी लागत के कारण इसका उपयोग व्यवसाय के लिये ही किया जाता था लेकिन अब आम जनता मे स्मार्ट फोन का उपयोग कॉर्पोरेट सेक्टर की तुलना मे काफी अधिक कर दिया है।
एक छोटे से फोन की काबिलियत इतनी है की अपोलो 11 मून लैंडिंग के लिए इस्तमाल किये गये कंप्यूटर की अपेक्षा हमारे द्वारा इस्तमाल कियेमेमा जाने वाले मोबाइल मे कंप्यूटिंग शक्ति ज़्यादा होती हैं। पहला मोबाइल फोन सन् 1973 मार्टिन कूपर ने बनाया था।
लोग स्मार्ट फोन का इस्तेमाल तो करते है पर बहुत कम लोग है जो उसके बारे मे जानते है। जैसे कि उसकी बॉडी मे कैमरा लेन्स और फ्लैश के पास एक छोटा सा होल को सबने स्पॉट किया होगा पर उसका कारण बहुत कम लोगो को ही पता होगा। कई बार लोग इसे छोटा सा काला बटन मानते है, तो कोई इसे कैमरा ही समझ बैठते है। जबकि ये एक माइक्रोफोन है। ये माइक्रोफोन बाकी के दोनों माइक्रोफोन से अलग काम करता है। ये माइक्रोफोन नॉइज कैंसलेशन माइक्रोफोन है जो बैकग्राउंड की आवाज़ को कम कर देता है। ये तब काम आता है जब कोई कैमरे से वीडियो शूट कर रहा होता है।
स्मार्ट फोन के ऐसे और भी फैक्ट है जो आम तौर पर किसी को पता नही होता हैं। जैसे iphone के काफी साल के बाद ipad का आगमन हुआ। वास्तव मे टैबलेट ही उनकी मूल परियोजना थी। और सड़क पर ट्रैफिक की गति को मापने के लिए गूगल मैप्स अपने एंड्रायड यूजर्स के डेटा को इस्तेमाल कर उसका लाभ भी उठाते है। और एंड्रायड 1.0 और 1.1 के बाद हर एक संस्करण एक स्वादिष्ट नाम रखा गया है। (जैसे लालीपॉप, जेली बिन इत्यादि)