हिंदी सिनेमा केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि यह समाज का आईना भी है, जो समय-समय पर गंभीर विषयों को बड़े पर्दे पर प्रदर्शित करता है। फिल्मों के ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं, जिन्होंने लोगों से जुड़े उन मुद्दों को दिखाया है, जिस पर बात करना बहुत जरूरी है। इन्हीं मुद्दों में से एक है मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे फिल्ममेकर हैं, जिन्होंने इस विषय को गंभीर माना है और अपनी फिल्म के जरिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है। आज हम आपको उन फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मेंटल हेल्थ पर बनी है।
छिछोरे (डिप्रेशन)
फिल्म ‘छिछोरे’ डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या पर बात करती है। अक्सर देखा जाता है कि डिप्रेशन पर लोग खुलकर बात नहीं करते। यह एक गंभीर समस्या है, जो किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। सुशांत सिंह राजपूत की इस फिल्म में डायरेक्टर नितेश तिवारी ने इस समस्या को अलग अंदाज में पेश करने की कोशिश की है। कॉलेज लाइफ पर आधारित इस फिल्म को लोगों ने बहुत पसंद किया था। यह सुशांत सिंह राजपूत के करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक है।
डियर ज़िंदगी (डिप्रेशन)
फिल्म ‘डियर जिंदगी’ आलिया भट्ट के करियर की सबसे अच्छी फिल्मों में से एक है। यह फिल्म भी डिप्रेशन बीमारी के इर्द-गिर्द बुनी गई है। फिल्म में आलिया को डिप्रेशन से जूझता हुआ दिखाया गया है। वहीं, शाहरुख खान ने इस फिल्म में मनोचिकित्सक की भूमिका निभाई है। फिल्म का निर्देशन गौरी शिंदे ने किया था।
कार्तिक कॉलिंग कार्तिक (सिजोफ्रेनिया)
इस फिल्म में फरहान अख्तर ने कार्तिक की भूमिका निभाई है जो सिजोफ्रेनिया नाम की मानसिक बीमारी से ग्रस्त है। फिल्म की खास बात यह है कि इसमें कार्तिक के किरदार को ओवर ड्रामेटिक नहीं दिखाया गया है। फिल्म में फरहान को भी आम इंसान की तरह पेश किया गया है, जो अपनी बीमारी से पार पाने की कोशिश में है।
हीरोइन (बाइपोलर डिसऑर्डर)
फिल्म ‘हीरोइन’ में करीना कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में उन्हें बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझते हुए दिखाया गया था। फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे इस बीमारी की वजह से करीना का करियर ग्राफ नीचे गिरता चला आता है। इस फिल्म का निर्देशन मधुर भंडारकर ने किया था।
तमाशा (बॉर्डर लाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर)
‘तमाशा’ रणबीर कपूर के करियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में रणबीर ने वीर नाम के शख्स की भूमिका निभाई है जो बॉर्डर लाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से पीड़ित है। फिल्म में वह एक समय लापरवाह मौज मस्ती करने वाले दिखते हैं तो दूसरे पल में शर्मिले, रिजर्व्ड और सुस्त नजर आते है।