बॉलीवुड के इन 6 ‘खूंखार विलन’ को ज़िंदगी के आखिरी समय में मिली दर्दनाक मौत-एक की लाश तो कमरे में सड़ गयी थी

Shilpi Soni
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80 और 90 के दशक में हिंदी सिनेमा में इतने खूंखार खलनायक थे जिन्होंने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया था। मोगैंबो से लेकर शकल , बिल्ला हो या फिर कोई और इन सभी कलाकारों ने ऐसे किरदार निभाएं हैं, जिनके नाम से भी लोग थर-थर कांपते थे। आज हम आपको बॉलीवुड के उन सभी विलेन के बारे में बता रहे हैं जो रील लाइफ में तो डर का दूसरा नाम बन गए थे लेकिन रियल लाइफ में इन्हें ऐसी मौत मिली कि जिसे भी पता चला उसके रोंगटे खड़े हो गए। किसी को गंभीर बीमारी ले गई तो किसी की लाश कमरे में पड़ी सड़ती रही।

रामी रेड्डी

इस तस्वीर को देखते ही आपको जरुर अजय देवगन की फिल्म ‘हकीकत’ की याद आ गई होगी, जिसमे इस किरादर ने एक बेहद ही खूंखार विलेन का रोल निभाया था। दरअसल, उस वक्त ये सख्स हर दूसरी फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाता नजर आता था। वास्तव में रामी रेड्डी की ऐक्टिंग कुछ ऐसी थी कि असल जिंदगी में भी लोग इनसे डरने लगे थे और दर्शको के बीच इनका खौफ ऐसा हो गया था कि वो फिल्मी पर्दे पर आते तो लोग सहम जाते थे।

बता दे की इन्होने करीब 200 से भी ज्यादा फिल्मो में काम किया, और हर फिल्म में विलन को एक अलग ही रंग-रूप दिया गया। लेकिन रामी रेड्डी एक जानलेवा बीमारी के शिकार हो गये थे, जिस वजह से इनका सबकुछ छीन गया। कहा जाता है की रामी रेड्डी के लीवर में कैंसर हो गया था, जिस वजह से वो बीमार रहने लगे थे। और आखिरी समय में वह मात्र हड्डियों का ढांचा रह गए थे। इसके बाद 14 अप्रैल 2011 को रामी रेड्डी का निधन हो गया।

बिल्ला यानी माणिक ईरानी

सन 1983 में आई थी जैकी श्रॉफ की फिल्म ‘हीरो’, जिसमे इस शख्श ने विलेन के तौर पर ‘बिल्ला’ नाम का किरदार निभाया था। बता दे की इनका असली नाम माणिक ईरानी था। माणिक ईरानी ने अमिताभ बच्चन के साथ भी ढेरों फिल्में कीं। उस वक्त फिल्म की कहानी में एक हीरो के साथ-साथ दमदार विलेन की भी मांग होती थी। एक्टर माणिक लगभग हर दूसरी फिल्म में नजर आते थे, लेकिन उन्हें जो पहचान फिल्म ‘हीरो’ के बिल्ला किरदार को निभाकर मिली, वैसी किसी और किरदार से नहीं मिली। लेकिन अफ़सोस माणिक ईरानी को भी दर्दनाक मौत का सामना करना पड़ा था। हालांकि इनकी मौत की असली वजह तो आज तक पता नहीं चली, लेकिन कहा जाता है कि उन्हें शराब पीने की लत लग गई थी। और शायद यह लत उनकी मौत का कारण भी बनी।

महेश आनंद

Hindi film actor Mahesh Anand passes away | Entertainment News,The Indian Express

 

महेश आनंद को भला कोई कैसे भूल सकता है? महेश आनंद की लोग भले ही ‘हिंदी सिनेमा के खूंखार विलन्स’ में से एक के तौर पर जानते हों, पर असल में वह बेहद टैलंटेड थे। वह दमदार ऐक्टर होने के साथ-साथ कमाल के डांसर और मार्शल आर्टिस्ट भी थे। जिन्होंने हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषा की फिल्मों में भी काम किया। ऐक्टिंग में आने से पहले महेश आनंद एक मॉडल थे और ट्रेंड डांसर भी। उन्होंने हिंदी फिल्मों में कदम भी एक डांसर के रोल से ही रखे थे। यह तो किस्मत थी कि महेश आनंद को बाद में विलन के रोल मिलने लगे और उनकी पहचान एक विलन के रूप में ही होने लगी। 1982 में फिल्मों में एंट्री करने के बाद महेश आनंद ने ‘करिश्मा’, ‘शहंशाह’, ‘इंसाफ’, ‘इलाका’, ‘गंगा जमुना सरस्वती’ और ‘तूफान’ जैसी ढेरों फिल्मों में काम किया।

लेकिन साल 2019 में महेश आनंद की दर्दनाक मौत हो गई। 57 वर्षीय महेश आनंद अंधेरी स्थित अपने फ्लैट पर मृत पाए गए थे। उस वक्त पुलिस ने बताया था कि महेश आनंद सालों से अकेले रह रहे थे और बेरोजगार थे। उनकी बॉडी दो दिनों तक घर में ही पड़ी रही और सड़ने लगी थी। जहां महेश आनंद की लाश थी, वहीं पास में आधी दारू की बोतल और खाना रखा था।

गैविन पैकर्ड

 

ऐक्टर गैविन पैकर्ड याद हैं? 90 के दशक में इस ऐक्टर ने कई बॉलिवुड फिल्मों में विलन का रोल प्ले किया था। इनमें ‘ये है जलवा’, ‘सड़क’, ‘मोहरा’, ‘तड़ीपार’ और ‘चमत्कार’ जैसी फिल्में शामिल हैं। गैविन पैकर्ड को स्क्रीन पर देख दर्शक भी डर जाया करते थे लेकिन असल जिंदगी में गैविन बेहद अच्छे और फैमिली इंसान थे। वह नैशनल अवॉर्ड विनिंग बॉडीबिल्डर भी थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि गैविन पैकर्ड ने ही सलमान खान के बॉडीगार्ड शेरा से लेकर ऐक्टर संजय दत्त और सुनील शेट्टी तक को ट्रेन किया। गैविन ने हिंदी के अलावा मलयालम भाषा की फिल्मों में काम किया। 2000 की शुरुआत में गैविन ने फिल्मों को अलविदा कह दिया और 2012 में इस दुनिया को अलविदा कह गए। बताया जाता है कि गैविन पैकर्ड को सांस संबंधी परेशानी थी और इसी कारण उनकी मौत हो गई।

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