खूबसूरती में मधुबाला को टक्कर देती थी 50 के दशक की ये हीरोइन

Ranjana Pandey
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50 के दशक की खूबसूरत एक्ट्रेस नलिनी जयवंत की कल 96वीं बर्थ एनिवर्सरी थी। 18 फरवरी, 1926 को मुंबई में पैदा हुईं नलिनी जयवंत अपने दौर की मशहूर एक्ट्रेस थीं। नलिनी जयवंत रिश्ते में काजोल की नानी शोभना समर्थ की फर्स्ट कजिन थीं। खूबसूरती के मामले में नलिनी मधुबाला को टक्कर देती थीं। दरअसल, 1952 में फिल्मफेयर मैगजीन ने खूबसूरती को लेकर एक पोल किया था, जिसमें पहले पहले नंबर पर नलिनी जयवंत थीं। हालांकि, जिंदगी के आखिरी वक्त में उनकी माली हालत बेहद खराब हो गई थी। यहां तक कि उनके पास अपना घर चलाने तक के पैसे नहीं बचे थे।

2010 में जब नलिनी जयवंत  की मौत हुई तो तीन दिन तक उनकी लाश उनके यूनियन पार्क, चेंबूर (मुंबई) स्थित घर में सड़ती रही थी। कहा जाता है कि बेहद रहस्यमय हालत में हुई नलिनी जयवंत की मौत को लेकर एफआईआर तक नहीं लिखी गई थी।नलिनी जयवंत  के करियर की बात करें तो उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू किया था। उस वक्त नलिनी की उम्र 14 साल थी। लेकिन अपनी एक्टिंग के दम पर नलिनी को जल्दी ही फिल्मों में लीड रोल मिलने लगे थे।

 

नलिनी जयवंत  ने अपने करियर में एक दौर ऐसा भी देखा, जब हर फिल्ममेकर उनके साथ काम करना चाहता था। नलिनी को वैसे तो कभी काम की कमी नहीं रही, लेकिन जिंदगी के आखिरी दौर में एक वक्त ऐसा भी आया, जब न तो उनके साथ फैमिली थी और ना ही फिल्म इंडस्ट्री का कोई करीबी।

नलिनी जयवंत ने 1945 में डायरेक्टर वीरेंद्र देसाई से शादी की थी। हालांकि 3 साल बाद ही 1948 में उनका तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने दूसरी शादी एक्टर प्रभु दयाल से 1960 में की। प्रभु दयाल के साथ नलिनी ने कई फिल्मों में काम किया था। हालांकि, प्रभु की 2001 में डेथ हो गई।

60 का दशक आते-आते नलिनी  को फिल्में मिलना बंद हो गई थीं। इसके बाद उन्होंने खुद इंडस्ट्री से दूरी बना ली और अपनी पर्सनल लाइफ में बिजी हो गईं। 1983 में नलिनी जयवंत ने फिल्म ‘नास्तिक’ में अमिताभ बच्चन की मां का किरदार निभाया था।

1951 में नलिनी ने एक मैगजीन के लिए बेहद बोल्ड फोटोशूट करवाया था। उस वक्त उनका यह फोटोशूट काफी सुर्खियों में रहा था। नलिनी जयवंत ने कई हिट फिल्मों में काम किया। उन्हें 1941 में आई फिल्म ‘बहन’ से पॉपुलैरिटी मिली।

जिदंगी के आखिरी वक्त में उनके पास अपना कोई नहीं था। 1983 से ही नलिनी यूनियन पार्क स्थित अपने घर में अकेलेपन में जी रही थीं। यहां तक की उनके पास खर्चा चलाने तक के पैसे नहीं थे। नलिनी ने बहन (1941), आंखें (1950), नौजवान (1951), लकीरें (1954), रेलवे प्लेटफॉर्म (1955),  मिलन’ (1958), ‘हम सब चोर हैं’ (1956), ‘सेनापति’ (1961), ‘नीलमणि’ (1957), ‘गर्ल्स होस्टल’ (1963) सहित कई फिल्मों में काम किया।

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