भारतीय क्रिकेट टीम में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के साथ डेब्यू करने वाले बल्लेबाज विनोद कांबली (Vinod Kambli) इस समय बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं। उनकी कमाई का जरिया मात्र बीसीसीआई (BCCI) की ओर से उन्हें दी जाने वाली पेंशन रह गई है, जिससे जीवन-यापन मुश्किल होता जा रहा है। उनके पास इतने पैसे भी नहीं हैं, जिससे माया नगरी (मुंबई) में अपना गुजारा आसानी से कर पायें।
बता दे की एक समय में क्रिकेट की पिच पर बॉलरों के छक्के छुटाने वाले कांबली कभी लाखों में कमाते थे, लेकिन फिलहाल आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और काम की तलाश कर रहे हैं।
टैलेंट पर भारी तंगहाली
18 जनवरी 1972 को मुंबई में जन्मे विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर के गुरु रमाकांत आचरेकर ने भी मास्टर ब्लास्टर से ज्यादा टैलेंटेड कांबली को ही माना था लेकिन इसे किस्मत का खेल ही कहेंगे कि सचिन आसमान की बुलंदियों पर पहुंच गए और विनोद कांबली अर्श से फर्श पर आ गए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल, कांबली को बीसीसीआई से मिल रही 30 हजार रुपये मासिक पेंशन से गुजारा करना पड़ रहा है। यानी हर रोज इनकी इनकम महज 1000 रुपये है।
विनोद कांबली की नेटवर्थ
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली की नेट वर्थ 1 से 1.5 मिलियन डॉलर के बीच है। 2022 की शुरुआत में आए डाटा के अनुसार, उनकी सालाना आय सिर्फ 4 लाख रुपये ही रह गई है। हालांकि, उनके पास मुंबई में खुद का घर है लेकिन देश की आर्थिक राजधानी में जीवन यापन के लिए यह नाकाफी है।
कोरोना ने कांबली को आर्थिक रूप से तोड़ दिया
जैसा की हम सभी जानते है की कोरोना महामारी की वजह से कई लोग आर्थिक रूप से परेशान हुए है, इसी कड़ी में विनोद कांबली भी इस महामारी की मार से नहीं बच पाये। हालांकि, क्रिकेट से दूर होने के बाद भी कुछ समय तक उनके पास कमाई के कई साधन मौजूद रहे। क्रिकेट मैचों में कमेंट्री, फिल्मों में एक्टिंग, टीवी में क्रिकेट एक्सपर्ट, विज्ञापन आदि से कांबली की करोड़ों की कमाई हो रही थी, लेकिन कोरोना काल में उनकी सारी कमाई रूक गयी और अब पाई-पाई के मोहताज हो गये।
सचिन तेंदुलकर ने विनोद कांबली की मदद
बता दे की सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली बचपन के दोस्त रहे हैं, दोनों ने एक साथ 10वीं तक की पढाई की। इतना ही नहीं 50 साल के विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर ने एक ही कोच गुरु रमाकांत आचरेकर से क्रिकेट की ट्रेनिंग भी ली थी। रमाकांत आचरेकर ने हमेशा माना था की सचिन से अधिक आक्रामक खिलाड़ी थे विनोद कांबली… लेकिन कांबली टीम इंडिया के लिए अधिक समय तक नहीं खेल पाये और सचिन लगातार चमकते गये।
कोरोना महामारी के कारण कांबली की स्तिथि लगातार खराब होती गयी लेकिन सचिन ने अपने बचपन के दोस्त कांबली का कभी भी साथ नहीं छोड़ा और सचिन ने हमेशा कांबली की मदद की।
विनोद कांबली का क्रिकेट करियर
टीम इंडिया (Team India) में शामिल रहते हुए विनोद कांबली ने भारत के लिए कुल 104 वनडे मैच, जबकि 17 टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 3,561 रन बनाए हैं, इनमें चार शतक टेस्ट में और दो शतक वनडे में शामिल हैं। विनोद कांबली ने भारत के लिए 1991 में वनडे डेब्यू किया था, जबकि साल 2000 में उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच खेला था।