कंगना रनौत अपने बेबाक बयानों की वजह से जानी जाती हैं। हर मुद्दे पर वह खुलकर अपनी राय रखती हैं। महाराष्ट्र सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर वह खुलकर निशाना साधती रही हैं। कभी उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद तो कभी उनके ऑफिस तोड़े जाने पर राज्य सरकार के खिलाफ सीधा हमला किया। वहीं वह बीजेपी का समर्थन करती दिखती हैं लेकिन अब बीजेपी सांसद और भोजपुरी कलाकार मनोज तिवारी ने कंगना रनौत को नसीहत दी और उनके व्यवहार को गलत बताया।
मनोज तिवारी ने हाल ही में ‘अनफिल्टर्ड बाय समदीश’ नाम के यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू दिया। जहां उन्होंने राजनीति और फिल्म से जुड़ी तमाम बातें कीं। मनोज तिवारी, कंगना के बारे में कहते हैं, उनके बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं लगता। एक कलाकार के तौर पर भाषा की मर्यादा होनी चाहिए।
‘कलाकार को मर्यादित होना चाहिए’
मनोज तिवारी ने कहा, ‘अपने विचारों को इतना ब्लास्टिंग नहीं रखना चाहिए कि डायरेक्ट किसी को हिट करे। एक आर्टिस्ट का अपना धर्म होता है। अगर राजनीति में आ जाएं तो बात अलग है। सुशांत (सिंह राजपूत) के बारे में उन्होंने जो बातें कीं वह समझ आती थी लेकिन महाराष्ट्र सरकार के प्रति उनका जो रवैया था वह काफी हार्ड था। वह ठीक नहीं था। मर्यादा का पालन करना चाहिए। अपनी बात कहिए लेकिन किसी का अनादर से नाम लेना हमारे देश की संस्कृति में नहीं है।‘
मनोज तिवारी कहते हैं, ‘किसी को भी अगर कोई मुख्यमंत्री के पद पर है उसे सम्मान देना आवश्यक है, कोई प्रधानमंत्री के पद पर है उनके साथ भी ऐसा है। विरोध करिए लेकिन भाषा मर्यादित होनी चाहिए। कंगना भाषा में मर्यादा में खो देती हैं।‘ इसलिए कई बार मर्यादा खो देने पर कंगना के खिलाफ के दर्ज हो जाते हैं।कंगना को चाहिए कि वो एक कलाकार की तरह ही लोगों से बर्ताव करें। कलाकार का अपना एक धर्म होता है एक दायरा होता है। यदि कलाकार अपने दायरे में रहकर अपनी बातों को रखे तो उसे सुनने वालों की भीड़ लग जाती है । लेकिन कंगना ऐसा नहीं करती हैं।
अनुराग के विरोध को बताया गलत
इसी तरह उन्होंने अनुराग कश्यप को भी लेकर अपनी बात रखी है। मनोज तिवारी ने अनुराग कश्यप के विरोध को सही नहीं बताया। उन्होंने अनुराग के बारे में कहा कि मैंने अनुराग से उनके विरोध को लेकर बात की। ये कहा कि ये बिल्कुल भी ठीक नहीं है. लेकिन अनुराग ने मेरी बात को अनसुना कर दिया। इसके बाद भी कई दफा फोन पर अनुराग से चर्चा हुई लेकिन अनुराग ने अपना रवैया नहीं छोड़ा। इसलिए अब ना तो वो अनुराग से कोई बात करते हैं और ना ही कोई भी सलाह उनको देते हैं।