हाल ही में ओयो हॉस्पिटैलिटी फर्म के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने गीतांशा सूद के साथ सात फेरे लेकर शादी कर ली है. रितेश अग्रवाल ने 29 वर्षीय गीतांशा सूद के साथ दिल्ली के ताज लेक पैलेस होटल में शादी की थी और इनकी शादी में कॉर्पोरेट जगत से जुड़ी कई बड़ी हस्तीयां भी मौजूद थी. इन सभी ने शादी में आकर इस कपल को आशीर्वाद दिया.
इस समय ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल और गीतांशा सूद की शादी की चर्चा सोशल मीडिया पर बड़े जोरो से हो रही है. ज्यादातर लोगों को अरबपति रितेश अग्रवाल के बारे में तो पता है लेकिन उनकी पत्नी गीतांशा सूद के बारे में कई लोग गूगल पर सर्च कर रहे है और उनके बारे में जानने की कोशिश कर रहे है.
लखनऊ में जन्मी है रितेश अग्रवाल से शादी करने वाली गीतांशा सूद
हम आपको बता दें कि रितेश अग्रवाल से शादी करने वाली गीतांशा सूद उत्तरप्रदेश राज्य के लखनऊ में जन्मी है. लेकिन अब लोग कम उम्र में ही अरबपति बनने वाले रितेश और उनकी बीवी गीतांशा सूद की लव स्टोरी और रिलेशन के बारे में जानने के लिए उत्सुक है. हालांकि अब तक उन्होंने खुद इस बात की जानकारी नहीं दी है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें गीतांशा सूद फॉर्मेशन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर है. उनकी ये कंपनी उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले में रजिस्टर्ड है.
लेकिन फॉर्मेशन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड में गीतांशा सूद के अलावा कुहूक सूद नाम की एक ओर महिला भी डायरेक्टर है. इन दोनों ने इस कंपनी को साल 2020 में रजिस्टर्ड करवाया था.
शादी में कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई
इनकी शादी में कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई थी, जिसमे सॉफ्टबैंक के फाउंडर और सीईओ माशायोसी सोन भी मौजूद थे. इस प्यारे से कपल ने माशायोसी सोन के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद भी लिया. इस खुशी के मौके पर पेटीएम के विजय शेखर ने भी माशायोसी सोन के साथ तस्वीर शेयर की थी.
रितेश अग्रवाल और गीतांशा सूद की शादी में पेटीएम के मालिक विजय शेखर शर्मा, लेंसकार्ट के सीईओ पीयूष बंसल और फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति भी मौजूद थे.
आपको बता दें कि ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल अपनी मां और अपनी मंगेतर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शादी का कार्ड देने गए थे. पिछले महीने ओयो के फाउंडर ने पीएम मोदी को शादी में आने का न्योता दिया था.
आपको बता दें रितेश अग्रवाल ओड़िशा के मारवाड़ी परिवार में जन्मे है. वे साल 2011 में पढ़ाई करने राजधानी दिल्ली आ गए थे. लेकिन दो साल बाद ही उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी थी और फेलोशिप प्रोग्राम का हिस्सा बन गए थे.