आखिर क्यों पीरियड्स बंद करने का ट्रीटमेंट अपना रही युवतियां, क्या है तरीका और कौन हैं एलिजिबल?

Smina Sumra
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Menstrual Suppression : हर महीने महिलाओं को पीरियड आना एक नेचुरल बात है। लेकिन पीरियड्स के दौरान होने वाले पीरियड क्रैंप्स और हार्मोनल इंबेलेंस के कारण महिलाओं को प्रॉब्लम्स भी होती है। पिछले कुछ दिनों से यह बात नोटिस की जा रही है कि महिलाओं के अलावा अब युवतियां भी पीरियड्स बंद करने के लिए ट्रीटमेंट ले रही है। लड़कियां और महिलाएं मेंस्ट्रुअल सप्रेशन (Menstrual Suppression) की सहायता से अब पीरियड को रोक रही है। सालों पहले आर्मी महिला अफसरों के लिए इस ट्रीटमेंट का इस्तेमाल होता था लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत कैसे हुई और क्या इस ट्रीटमेंट के बाद भी कोई महिला मां बन सकती है। तो चलिए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं,

आखिर क्यों बढा यह चलन

स्टेटमेंट की आवश्यकता उन महिलाओं और युवतियों के लिए महसूस हो रही है जो शारीरिक और मानसिक रूप से हैंडीकैप है। दूसरे नंबर पर वह महिलाएं हैं जो आर्मी में है। शारीरिक और मानसिक तौर पर अपंग महिलाएं अपनी साफ-सफाई और देखरेख रखने के लिए सक्षम नहीं होती है। वहीं आर्मी की महिलाओं को अपनी केयर के साथ देश की रक्षा का सवाल होता है। इसलिए इन महिलाओं को पीरियड्स को रोकने के लिए ट्रीटमेंट (Menstrual Suppression) करवाना पड़ता है।

लाइफ के 40 साल पीरियड्स में बिताती है महिला

एक हेल्धी महिला अपनी लाइफ के करीब 40 साल पीरियड्स में बिताती है। इस समय के दौरान महिलाओं के शरीर में विधि रिप्रोडक्टिव हॉर्मोन्स में कुछ चेंज होते हैं और असहनीय पीरियड क्रैंप्स होते हैं। इसका सीधा असर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही महिला की मूड स्विंग्स में भी होता है। यही वजह है कि कई महिलाओं के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है। पिछले कुछ सालों से महिलाएं मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन (What is Menstrual Suppression in hindi) की सहायता से पिरियड को हमेशा के हमेशा के लिए बंद करने की टेक्नीक अपना रही है।

मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन की सहायता से महिलाओं को पीरियड्स को या तो बंद ​कर दिया जाता है या ब्लीडिंग के फ्लो को कम कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में गोलियों की मदद से पीरियड्स रोके जा सकते हैं या फिर फ्रीक्वेंसी को भी कम कर सकते हैं। लेकिन आपको बता दें इस ट्रीटमेंट का उपयोग करने वाली महिला या युवति को कम से कम एक पीरियड जरूर आया हो।

कौन ले सकता है इस ट्रीटमेंट का लाभ
सामान्य तौर पर जिन महिलाओं को हैवी ब्लीडिंग होती है या​ फिर जिन्हें असहनीय दर्द होता है ऐसी महिलाओं को डॉक्टस द्वारा इस ट्रीटमेंट लेने की सलाह दी जाती है। इस ट्रीटमेंट से पहले देखा जाता है कि महिला में ऑर्गन संबंधी कोई समस्या या कोई गंभीर बीमारी तो नहीं है।

मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन ट्रीटमेंट का तरीका

इस ट्रीटमेंट (procedure of Menstrual Suppression in hindi) में सबसे पहले बर्थ—कंट्रोल पिल्स की सहायता से पीरियड्स को पूरी तरह से बंद न करके फ्लो कम किया जाता है। दूसरा तरीका हैं स्किन पैच का जिसमें महिलाओं के पीरियड्स को एक निश्चित समय यानि 4 महीने के लिए बंद कर दिया जाता है। हालांकि इस ट्रीटमेंट का चलन विदेशों में है। इंडिया में इसका चलन नहीं है।

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