बाॅलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ जिसे फैंस ने काफी पसंद किया। फिल्म की कहानी एस हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन ऑफ मुंबई’ पर आधारित है। गंगूबाई का प्रभाव सिर्फ अंडवर्ल्ड और गैंगस्टर्स तक ही नहीं था बल्कि बड़े राजनेता भी उनसे प्रभावित थे।
वैसे तो हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन ऑफ मुंबई’ गंगूबाई की जिंदगी से जुड़े कई किस्से हैं। लेकिन आज हम आपको उस घटना के बारे में बताएंगे जब गंगूबाई ने नेहरू से कहा था कि क्या वह उन्हें मिसेज नेहरू बना सकते हैं?
स्पीच के थे हर जगह चर्चे
गंगूबाई के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आजाद मैदान में उसके भाषण को 60 के दशक में हर बड़े अखबार ने जगह दी थी। ट्रेलर के आखिर में आपने वो सीन और डायलॉग जरूर देखा होगा, जहां गंगूबाई कहती है, ‘कल लिख देना अखबार में कि आजाद मैदान में गंगूबाई ने आंखें झुकाकर नहीं, आंखें मिलाकर अपने हक की बात की है।’गंगूबाई के चर्चे उस वक्त प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहर लाल नेहरू तक पहुंचे।
जब प्रधानमंत्री नेहरू से मिलीं गंगूबाई
रिपोर्ट्स के मुताबिक जब गंगूबाई को जवाहर लाल नेहरू से मिलने का मौका मिला। उन्होंने नेहरू से कहा- वह अपने भाषणों के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर सेक्स वर्कर्स की स्थिति सुधारने का मुद्दा उठाएं। गंगूबाई ने उनसे आग्रह किया कि वह कुछ करें ताकि सेक्स इंडस्ट्री की महिलाओं को बराबरी का हक मिले और वह सम्मानजनक जिंदगी जी पाएं।
क्या आप मुझे मिसेज नेहरू बनाएंगे?
जवाहर लाल नेहरू गंगूबाई से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने मुलाकात के दौरान गंगूबाई से कहा-‘उन्होंने यह काम क्यों चुना जबकि वह एक अच्छा पति चुनकर बेहतर जिंदगी गुजार सकती हैं।’ इस पर गंगूबाई ने नेहरू से पूछा-‘ क्या आप मुझे मिसेज नेहरू बनाएंगे?’ उनके सवाल का जवाहर लाल नेहरू के पास कोई जवाब नहीं था। तब गंगूबाई ने कहा था- ‘उपदेश देना बहुत आसान होता है लेकिन इसे कर पाना मुश्किल।’