21 दिसंबर 2018 को शाहरुख़ की फिल्म ‘जीरो’ रिलीज़ होनी थी। लेकिन इसी दिन कन्नड़ सिनेमा की एक फिल्म ‘KGF’ को भी रिलीज़ होना था। लेकिन ये फिल्म हिंदी समेत कई और भाषाओं में भी, पैन-इंडिया यानी पूरे भारत में रिलीज़ हो रही थी।
शाहरुख़ की फिल्म रिलीज़ हुई, लेकिन लोगों की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी और उसे बहुत ख़राब रिव्यूज़ मिले। तब थिएटर्स जाने वाली जनता ‘KGF’ का टिकट खरीदने लगी और थिएटर से बाहर निकलते हुए उन्हें देखकर ऐसा लगता था मानो कोई अद्भुत जादू देखकर निकले हों।
लेकिन जो जादू वो देखकर निकले थे.उसका असली जादूगर था यश। जी हां यश जिन्हें कन्नड़ सिनेमा में तो हर कोई जानता था । लेकिन केजीएफ ने यश के लिए हिंदी बेल्ट के दरवाजे खोल दिए। आज हम आपको बताएंगे कैेसे रहा अब तक का उनका सफर
छोटे से गांव में पैदा हुए यश
यश 8 जनवरी 1986 को, कर्नाटक के हसन जिले में, भुवनहल्ली नाम की एक छोटे से गांव में पैदा हुए, नवीन कुमार गौड़ा उर्फ़ रॉकिंग स्टार यश हिंदी जनता के लिए एक आइकॉन बन चुके थे!
यश के पिता अरुण कुमार कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (KSRTC) की बस ड्राइवर हैं और उनकी मां पुष्पा, घर संभालती थीं। इस हाल में एक्टर बनने का सपना देखना भी कितना महंगा रहा होगा, ये हम भारतीय औलादों को अच्छे से पता है! लेकिन सपने पूरे तो उसी के हो सकते हैं न जो सपने देखता हो, तो यश ने ये कर के दिखाया। यश के पिता के बारे में ‘बाहुबली’ डायरेक्टर राजमौली ने एक इवेंट में बताया था कि वो आज भी बस चलाते हैं।
उन्होंने बताया, “जब यश ने अपने पिता को यह नौकरी छोड़ने को कहा क्योंकि उन्होंने अपने लिए बहुत पैसा और नाम कमा लिया है, तो उन्होंने मना कर दिया। उनके पिता ने उन्हें कहा कि मैंने यही नौकरी कर के तुम्हें सुपरस्टार बनाया है। इसलिए तुम अपने काम पर ध्यान दो और मैं अपने पर ध्यान देता हूं।” राजामौली ने उस इवेंट में कहा था कि यश से बाद सुपरस्टार उनके पिता हैं!
300 रुपए लेकर निकले थे हीरो बनने
यश ने कई इंटरव्यूज़ में बताया है कि वो एक्टर बनना चाहते थे लेकिन इसके लिए उनके पास मौके कम थे। इसलिए एक दिन जेब में 300 रूपए लिए वो घर से भाग कर थिएटर में एक्टिंग सीखने बेंगलुरु आ गए। इंटरव्यूज़ में यश बताते रहे हैं कि बेंगलुरु आकर वो डर गए थे कि इतने बड़े शहर में उनका क्या होगा। मगर उन्होंने अपना कॉन्फिडेंस नहीं छोड़ा।
वो थिएटर से जुड़े और खर्च चलाने के लिए उन्होंने चाय की दूकान तक पर काम किया। यश बताते हैं कि उन्हें पता था यही एक मौका है और अगर वो लौटकर घर वापिस गए तो उन्हें वही काम करना पड़ेगा जो घरवाले चाहेंगे।
यश ने कन्नड़ टीवी शो ‘नन्दगोकुल’ से अपना सफ़र शुरू किया। यहां वो राधिका पंडित से मिले , जो शो में उनकी बहन का रोल कर रही थीं। दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और बात आगे बढ़ गई। कई फिल्मों में साथ काम करने के बाद इस जोड़ी ने 9 दिसंबर 2016 को बेंगलुरु में एक प्राइवेट सेरेमनी में शादी कर ली। यश और राधिका के दो बच्चे हैं- 2 दिसंबर 2018 में पैदा हुई बेटी आयरा और 30 अक्टूबर 2019 को जन्में बेटे यथर्व।
रिसेप्शन में पूरे कर्नाटक को दिया था न्योता
गुपचुप शादी करने वाले यश और राधिका ने जब बेंगलुरु पैलेस में अपना रिसेप्शन किया तो ख़बरों में हल्ला हो गया। सेलेब्रिटीज और एक्टर्स के साथ यश ने पूरे कर्नाटक से अपने फैन्स को न्योता दे दिया था कि जो भी उन्हें और राधिका को अपना प्यार देने आना चाहे, वो पैलेस पहुँच जाए।
15 करोड़ करते हैं चार्ज
कन्नड़ सिनेमा की सबसे कमाऊ फ़िल्में देने वाला ये रॉकिंग स्टार आज एक फिल्म करने के लिए 15 करोड़ रूपए फीस लेता है।
KGF: चैप्टर 2 का इंतज़ार कर रहे फैन्स यश को फिर से स्क्रीन पर धमाका करते देखने के लिए पूरे इंडिया में टकटकी लगाए बैठे हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस फिल्म से वो एक बार फिर बॉक्स-ऑफिस को टकसाल में बदल देंगे!