जानें ऑयल पुलिंग करने के सही तरीक़े, और फ़ायदे वर्ना हो सकती है नुक़सान

Smina Sumra
6 Min Read

ऑयल पुलिंग करने के फायदों के बारे में तो आपने सुना ही होगा। लेकिन इसको सही तरीक़े से नहीं करने से आपको नुक़सान भी हो सकता है।

Oil pulling: ऑयल पुलिंग का मतलब तेल से कुल्ला करना या गरारा करना होता है। आयुर्वेद में सैकड़ों सालों से ऑयल पुलिंग का इस्तेमाल किया जाता है। ऑयल पुलिंग करने से मुंह की सफ़ाई होने के साथ-साथ त्वचा पर चमक भी आती है। ऑयल पुलिंग करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। ऑयल पुलिंग के फायदों के पीछे लोग इसके नुक़सान को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। सबसे पहले तो आपको यह जनना ज़रूरी है कि ऑयल पुलिंग होता क्या है?

दरअसल ऑयल पुलिंग डीटॉक्सिफाई आयुर्वेदिक तकनीक है। इस तकनीक में आपको खाने वाले कोई भी तेल (ऑलिव ऑयल, तिल तेल या नारियल तेल) से लगभग 10 से 15 मिनट तक पूरे मुंह में घुमा कर गरारा करना होता है। ऑयल पुलिंग करने से सिर दर्द, माइग्रेन, डायबिटीज़ के साथ-साथ अस्थमा में फायदेमंद होता है। लेकिन इस तकनीक से मिले फायदों के साथ-साथ नुक़सान भी हो सकता है। अगर इस नुक़सान पर सही समय पर ध्यान नहीं दिया जाए तो इससे आपकी जान भी जा सकती है।

ऑयल पुलिंग के साइड इफ़ेक्ट क्या होते हैं? (What are the side effects of oil pulling)

1. लिपोइड निमोनिया की संभावना

ऑयली चीज़ों के कारण लिपोइड निमोनिया की संभावना बढ़ जाती है। यह फेफड़ों से जुड़ी एक तरह की बीमारी होती है यह समस्या ज़्यादातर उन लोगों में होती है जो जो बिना किसी डॉक्टर की सलाह पर ऑयल पुलिंग तकनीक को अपनाते हैं। ऑयल पुलिंग करते समय जब आप अधिक मात्रा में तेल को निगलते हुए सांस लेते हैं तो स्विशिंग ऑयल के कारण सुखी खांसी की समस्या होने लगती है।

2. पेट ख़राब होना और जी मिचलाना

ऑयल पुलिंग तकनीक की वजह से पेट ख़राब और दस्त की समस्या हो सकती है। ऑयल पुलिंग के दौरान तेल के बड़े-बड़े गरारे करने से जी मिचलाने की समस्या हो सकती है। और अगर ग़लती से भी आप इस तेल को निगल लेते हैं तो आपका पेट ख़राब हो सकता है। इस कारण से भी ऑयल पुलिंग नुकसानदायक है। अगर आप नियमित रूप से ब्रश करेंगे तो ऐसे ही आपका मुंह हमेशा साफ़ रहेगा।

ऑयल पुलिंग के साइड इफ़ेक्ट से कैसे बचा जा सकता है? (How to avoid the side effects of oil pulling)

ऑयल पुलिंग के साइड इफ़ेक्ट से कैसे बचा जाए यह जानना आपके लिए बहुत ज़रूरी है। अगर आप इस तकनीक को ग़लत तरीक़े से कर रहे हैं तो इससे नुक़सान होने के संभावना अधिक हो जाती है। इसलिए निम्नलिखित प्रकार की गलतियां बिल्कुल भी ना करें।

1. रोज़ाना सुबह उठने के साथ ही अपने दांतो को अच्छे से साफ़ करें और अपने जीभ की अच्छे से सफ़ाई करें।

2. नारियल, सूरजमुखी या तिल तेल के लगभग 10 मिलीलीटर को लेकर अपने मुंह में चारों तरफ़ घूमाएं। ताकि तेल आपके मुंह में चारों तरफ़ फैल जाए। ध्यान रखें कि आपको तेल निगलना नहीं है।

3. जीभ का इस्तेमाल करके दांत तालु और मसूड़ों तक ऑयल पहुंचाने की कोशिश करें।

4. जिस तरह से आप किसी चीज़ को चबाते हैं उसी तरह से आप अपने जबड़ों को हिलाएं।

5.ऑयल पुलिंग आप 10 से 15 मिनट के लिए कर सकते हैं। उसके बाद आप अपने मुंह को पानी से साफ़ कर लें।

ऑयल पुलिंग करने के फ़ायदे (Benefits of doing oil pulling)

1. ऑयल पुलिंग करने से तेल में पाए जाने वाला गुण मुंह की सफाई करने के साथ-साथ दांतों से प्लाक हटाने का काम करता है।

2. ऑयल पुलिंग में इस्तेमाल होने वाले तिल के तेल में एंटी इन्फ्लेमेटरी एंटीमाइक्रोबियल्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो मुंह की दुर्गंध, मसूड़ों की परेशानी और दातों को सड़ने से बचाता है।

3. ऑयल पुलिंग की मदद से सिर दर्द और माइग्रेन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता हैं।

4. ऑयल पुलिंग शरीर की ऊर्जा बढ़ाने में मदद करती है। तथा शरीर की चयापचय को बढ़ाने का काम करती है।

5. तिल के तेल से की गई ऑयल पुलिंग त्वचा पर मुंहासों से निजात दिलाने में मदद करती है।

6. ऑयल पुलिंग की मदद से त्वचा को मॉइश्चराइज करने के साथ-साथ हानिकारक पदार्थों को दूर करके त्वचा को साफ़ और चमकदार बनाया जा सकता है।

ऑयल पुलिंग वैसे तो मुंह कि सफाई के लिए और त्वचा को चमकदार बनाने के लिए बहुत पुरानी तकनीक है। लेकिन तभी फायदेमंद हो सकती है जब आप इसे सही तरीक़े से करें। इस तकनीक को करने के पहले आप एक्सपर्ट से ज़रूर सलाह ले लें।

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