प्रेगनेंसी के दौरान जेनिटल हर्पीज के कारण, लक्षण और बचाव

Smina Sumra
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प्रेगनेंसी के दौरान जेनिटल हर्पीज होने के कारण नवजात शिशु को स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। इसका असर मां और बच्चे दोनों पर होता है।

What is genital herpes: जेनिटल हर्पीज यानी कि जननांग में दाद की समस्या ज़्यादातर महिलाओं में होती है। यह एक प्रकार का यौन संक्रमण रोग होता है। जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान जेनिटल हर्पीज बच्चे को भी नुक़सान पहुंचा सकता है। जेनिटल हर्पीज समान्य दाद से बिल्कुल अलग दिखाई देता है। गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज होने पर जननांगों में फफोले हो जाते हैं।

Contents
प्रेगनेंसी के दौरान जेनिटल हर्पीज होने के कारण नवजात शिशु को स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। इसका असर मां और बच्चे दोनों पर होता है।जेनिटल हर्पीज क्या होता है? (What is genital herpes)गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज को कैसे पहचाना जा सकता है? (How to recognize genital herpes during pregnancy)गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज होने का कारण (Causes of genital herpes during pregnancy)गर्भावस्था से पहले या शुरुआत में जेनिटल हर्पीज होना (Having genital herpes before or at the beginning of pregnancy)गर्भावस्था के अंतिम समय में जेनिटल हर्पीज का होना (Having genital herpes in late pregnancy)गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज के अन्य ख़तरे क्या है? (What are the other dangers of genital herpes during pregnancy)जेनिटल हर्पीज का नवजात शिशु पर क्या खतरा हो सकता है (What is the danger of genital herpes on the newborn baby)गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज से कैसे बचें? (How to avoid genital herpes during pregnancy)

शुरुआती दौर में ही इनके लक्षणों पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता है। एनसीबीआई (National center for Biotechnology information) के अनुसार 100 में से 13 गर्भवती महिलाओं को जेनिटल हर्पीज (Genital Herpes During pregnancy) की समस्या होती है। उनमें प्रसव के दौरान यह इंफेक्शन की समस्या और अधिक हो जाती है।

गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज का जोख़िम गर्भावस्था के समय पर निर्भर करता है। गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज मां और नवजात शिशु के लिए कितना खतरनाक है और इससे बचाव के तरीके क्या है? आज इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।

जेनिटल हर्पीज क्या होता है? (What is genital herpes)

अमेरिकी संस्था सीडीसी (center for Disease control and prevention) के अनुसार जेनिटल हर्पीज एक प्रकार का यौन संक्रमण रोग है। जो दो प्रकार के वायरस से होता है। हर्पीज सिंप्लेक्स वायरस टाइप 1 (HSV 1) और हर्पीज सिंप्लेक्स वायरस टाइप 2 (HSV 2) की वजह से होता है।

डॉक्टर का कहना है कि ज़्यादातर जेनिटल हर्पीज टाइप 2 से होता है। सीडीसी के अनुसार अमेरिका में जेनिटल हर्पीज सामान्य बीमारी है। अमेरिका में हर छह व्यक्ति में से एक व्यक्ति को यह वायरस होता है। अमेरिका में लगभग 22% महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज की समस्या होती है। जेनिटल हर्पीज जननांगों और गुदा वाले हिस्सों में होती है।

गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज को कैसे पहचाना जा सकता है? (How to recognize genital herpes during pregnancy)

प्रेगनेंसी के दौरान जेनिटल हर्पीज के लक्षण निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-

1. जननांगों पर फफोले होना।

2. गुप्तांगों पर होने वाले फफोलों से रिसाव होना।

3. फफोलों में जलन और दर्द की समस्या होना।

4. बुखार होना।

5. बदबूदार योनि स्त्राव होना।

6. पेशाब करने के दौरान जलन की समस्या होना।

7. कम भूख लगना।

गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज होने का कारण (Causes of genital herpes during pregnancy)

जेनिटल हर्पीज की समस्या टॉयलेट सीट, बेड, स्विमिंग के कारण नहीं होता है। गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज होने के निम्नलिखित वजहों से होते हैं।

1. अगर आपके पार्टनर को जेनिटल हर्पीज है तो महिलाओं को भी यह समस्या हो सकती है।

2. यौन संबंध बनाते समय प्रीकॉशन्स का इस्तेमाल नहीं करने से जेनिटल हर्पीज की समस्या होती है।

3. अगर आपके पार्टनर को जेनिटल हर्पीज है तो आपको ओरल सेक्स करने से यह समस्या हो सकती है।

गर्भावस्था से पहले या शुरुआत में जेनिटल हर्पीज होना (Having genital herpes before or at the beginning of pregnancy)

डॉक्टर का कहना है कि गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में महिलाओं के शरीर में नेचुरल एंटीबॉडी बनते हैं। जिसकी वजह से शिशु सुरक्षित रहता है। एनबीसीआई के अनुसार यदि हर्पीज का इन्फेक्शन गर्भावस्था के शुरुआती 3 महीनों में होता है तो बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता है।

एक शोध के अनुसार ऐसी स्थिति में 100 में से 1 शिशु को इंफेक्शन होता है। अगर प्रेगनेंसी के पहले 3 महीनों में जेनिटल हर्पीज के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके उसका इलाज कराना चाहिए। ऐसी स्थिति में बच्चे को नेचुरल तरीक़े से जन्म दिया जा सकता है।

गर्भावस्था के अंतिम समय में जेनिटल हर्पीज का होना (Having genital herpes in late pregnancy)

डॉक्टर का कहना है कि गर्भावस्था के अंतिम समय में अगर जेनिटल हर्पीज की समस्या होती है तो बच्चे के लिए ख़तरनाक हो सकता है। इस समय मां के शरीर में एंटीबॉडीज बनने की क्षमता नहीं होती है कि वह बच्चे को बचाया जा सकें।

डॉक्टर का कहना है कि गर्भावस्था के अंतिम 3 महीनों में अगर जेनिटल हर्पीज की समस्या हुई तो बच्चे को बचाने के लिए ऑपरेशन करना पड़ता है। गर्भावस्था के अंतिम तीन महीनों में आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो संक्रमित व्यक्ति से संबंध बिल्कुल नहीं बनाना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज के अन्य ख़तरे क्या है? (What are the other dangers of genital herpes during pregnancy)

1. बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है।

2. गर्भ में बच्चे का सही विकास नहीं हो पाता है।

3. गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है।

4. लिवर और मस्तिष्क से जुड़ी परेशानियां होने लगती है।

जेनिटल हर्पीज का नवजात शिशु पर क्या खतरा हो सकता है (What is the danger of genital herpes on the newborn baby)

डॉक्टर का कहना है कि अगर प्रसव के दौरान जेनिटल हर्पीज के बारे में मालूम नहीं हुआ तो बच्चे को निम्नलिखित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

1. गर्भावस्था के शुरुआती 3 महीनों में जेनिटल हर्पीज हुआ तो बच्चे की बनावट खराब होने का ख़तरा रहता है।

2. गर्भपात होने की वजह से बच्चा मृत पैदा हो सकता है।

3. बच्चे को अंधेपन या बहरेपन की समस्या हो सकती है।

4. बच्चे को गंभीर इंफेक्शन (Viral meningitis) हो सकता है।

5. बच्चे को त्वचा आंख जेनिटल या मुंह पर बार-बार घाव होना।

6. बच्चे का सही समय पर इलाज नहीं होने पर दिमागी बुखार होना।

7. जेनिटल हर्पीज के कारण शिशु को जीवन भर स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी हो सकती है।

गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज से कैसे बचें? (How to avoid genital herpes during pregnancy)

डॉक्टर का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान जेनिटल हर्पीज होने से मां और बच्चे दोनों को ख़तरा रहता है। डॉक्टर के अनुसार प्रसव के दौरान ऐसे इंफेक्शन से बचने के लिए कुछ दवाएं दी जाती है। जो गर्भावस्था के 35वें महीने में दी जाती है। जिससे महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन अगर शुरुआती लक्षणों पर ध्यान नहीं दिया जाएं तो समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है। उनसे बचने के निम्न तरीके हैं।

1. अगर दोनों में से किसी भी एक पार्टनर को जेनिटल हर्पीज की समस्या है तो वह अपने पार्टनर को बताएं।

2. समय रहते डॉक्टर से इलाज कराएं।

3. अगर आपके जननांगों में फफोले, जलन और खुजली की समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

4. जेनिटल हर्पीज में एंटीवायरल दवाएं दी जाती है जो इसे बढ़ने से रोकता है।

5. गर्भावस्था के तीसरे महीने में पार्टनर से संबंध नहीं बनाना चाहिए।

6. संबंध बनाते समय प्रीकॉशन्स का ध्यान रखना चाहिए।

7. कभी भी असुरक्षित संबंध नहीं बनाना चाहिए।

8. संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए।

9. जेनिटल हर्पीज से बचने के लिए साफ-सफाई पर विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए।

10. अगर आपको प्रसव होने के पहले जेनिटल हर्पीज के लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं को कई तरह की समस्या होती है। कुछ समस्या ऐसी होती है जो पहले दिखाई नहीं देती और गर्भावस्था के बाद दिखाई देने लगती है। ऐसी स्थिति में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान रखना चाहिए। डॉक्टर का कहना है कि गर्भावस्था में जेनिटल हर्पीज से गंभीर समस्या हो सकती है।

अगर समय रहते इसके लक्षणों पर ध्यान दें नहीं दिया गया तो बच्चे को भी यह समस्या हो सकती है। जिसके कारण बच्चे को जीवन भर उसे परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर प्रेगनेंसी के शुरुआत में ही जेनिटल हर्पीज के लक्षणों का मालूम चल गया तो नार्मल डिलीवरी कराई जा सकती है। अगर गर्भावस्था के अंतिम चरण में जेनिटल हर्पीज होता है तो सिजेरियन ऑपरेशन से बच्चा करना पड़ता है।

 

 

 

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