5G: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शनिवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में इस बात की घोषणा कर दी है कि भारत में 5G सेवा का शुभारंभ हो गया है. शुरुआती चरण में भारत के 13 शहरों में 5G सेवा शुरू की जाएगी.
5G सेवा शुरू होने के बाद लोगों के मन में कई तरह के सवाल आ रहे हैं. जैसे कि यह कितनी स्पीड देगा? पुराने स्मार्टफोन में कैसे काम करेगा? कौन सी सुविधाएं मिलेगी? यह कैसे काम करेगा? डाटा प्लान कितना होगा? आदि. तो आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब…
5G सबसे आधुनिक स्तर का नेटवर्क है. जिसकी इंटरनेट सबसेआप को सबसे अधिक दी जाएगी. इसमें हाई स्पीड इंटरनेट प्राप्त कर सकेंगे. किसी भी वीडियो, फोटो आदि को डाउनलोड और अपलोड करने में बहुत कम समय लगेगा.
4G स्मार्टफोन यूजर्स के लिए 5G नेटवर्क आने से क्या बदलाव आएंगे? तो उन्हें बता दें कि 5G सर्विसेज के मिलने से कुछ अंतर मिल सकते हैं.
5G: ये मिलेंगे 4G और 5G में अंतर
4G में डाउनलोड स्पीड 150 मेगाबाइट प्रति सेकंड है वही स्पीड 5G नेटवर्क आने से 10GB प्रति सेकंड हो जाएगी.
4G इंटरनेट के मुकाबले 5G में यूजर को ज्यादा टेक्निकल सुविधा मिलेगी.
🫢 हाई स्पीड के कारण कुछ ही देर में 5G बड़ी फाइल में डाउनलोड कर सकेंगे.
4G में अपलोड स्पीड 50mbps है, जबकि 5G में यह 1GB प्रति सेकंड मिलेगी.
अमेरिका में 4G के अनलिमिटेड सेवाओं को प्राप्त करने के लिए $68 यानी कि करीब ₹5000 खर्च करने होते हैं. इसके बाद अगर 5G की बात करें तो यह खर्च बढ़कर $89 यानी करीब 6500 तक पहुंच सकता है. लेकिन अलग-अलग रिचार्ज में अलग-अलग फायदा मिलेगा. 4G के मुकाबले 5G प्लान में 10 फ़ीसदी से लेकर 30 फ़ीसदी तक फर्क पड़ सकता है.
आपको बता दे कि भारत में सबसे पहले 5G सेवाओं को 13 शहरों में शुरू किया जाएगा. यह अगले साल 2023 के मार्च तक पूरे देश में फैल जाएगी. रिलायंस कंपनी शुरू में दिल्ली मुंबई चेन्नई कोलकाता जैसे महानगरों में दिवाली तक 5G सेवा शुरू करेगी. इसके अलावा एयरटेल कंपनी 8 शहरों में 5G सेवा शुरू करेगी.
5G सेवा शुरू होने से हमारे जीवन, काम करने के तरीके, कारोबार आदि में बदलाव देखने को मिलेंगे. 5G की उन्नत तकनीक और उच्च क्षमता सभी चीजों को एक दूसरे से जोड़ देगी. जैसे घर, बिना ड्राइवर की कार, स्मार्ट ऑफिस, स्मार्ट सिटी और उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस. संभावना जताई जा रही है कि 5G टेक्नोलॉजी आने के बाद आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के मामले में खासकर अस्पतालों, एयरपोर्ट और डाटा संग्रहण में बड़ी भूमिका मिलेगी.
आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि 5जी सर्विस लेने के लिए टेलीकॉम कंपनियां मौजूदा रेडियो फ्रिकवेंसी का ही इस्तेमाल करेगी. इन पर मौजूद मोबाइल डाटा, वाईफाई, सेटेलाइट संचार चलता हुआ आ रहा है. इसका मतलब टेलीकॉम कंपनियां 5G नेटवर्क के लिए आसपास अलग से कोई भी टावर नहीं लगाएगी.