Virat Kohli : भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली (Virat Kohli ) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है. केवल क्रिकेट प्रेमी ही नहीं बल्कि दुनिया का हर इंसान विराट को जानता है. आपको बता दें कि विराट कोहली पहले ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने वनडे मैचों में 1000 से भी ज्यादा रन हासिल किए हैं. विराट एक पंजाबी परिवार से संबंध रखते हैं. विराट का जन्म 5 नवंबर 1988 को हुआ था. विराट के पिता एक वकील हैं और माता एक ग्रहणी हैं. आपको बता दें कि विराट के एक बड़े भाई और एक बड़ी बहन भी हैं. विराट अपने परिवार ( virat kohli family ) में सबसे छोटे हैं.
विराट को बचपन से ही क्रिकेट का काफी शौक रहा था. कहा जाता है जब वह 9 साल के थे तब से वह बहुत अच्छा क्रिकेट खेलते थे. सभी लोग उनको देखकर यही कहते थे कि उन्हें गली में क्रिकेट खेल कर अपना जीवन व्यर्थ नहीं करना चाहिए. उन्हें किसी एकेडमी में जाकर क्रिकेट ( virat kohli career ) के छोटे-छोटे गुर सीखने चाहिए. धीरे-धीरे वह बड़े हुए और 9वीं कक्षा में आए, तब उन्हें प्रशिक्षण के लिए एक शिक्षक की जरूरत थी.
हालांकि पढ़ाई में भी विराट काफी अच्छे थे. उनका हर शिक्षक उन्हें होनहार ही बताता था. साल 2004 उनके बदलाव का साल था. उनकी जिंदगी की बहुत अच्छी पारी शुरू होने वाली थी. साल 2004 में ही उन्हें अंडर-17 दिल्ली क्रिकेट टीम का सदस्य बना दिया गया था और आपको बता दें इस सीरीज में उन्होंने 450 से भी ज्यादा रन बनाए थे. साल 2006 में विराट कोहली को भारत की अंडर-19 के खिलाड़ी में सेलेक्ट कर लिया गया और विराट को पहले विदेश टूर के लिए भेजा गया.
यह एक दिवसीय टूर था जो इंग्लैंड में था. उस वक्त विराट ने दोनों सीरीज जीतकर भारत को चौंका दिया था. देखते ही देखते विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी एक स्थाई जगह बना ली. लेकिन साल 2006 में उनके साथ एक बहुत दुखद घटना घटी.
ब्रेन स्ट्रोक की वजह से उनके पिता की मृत्यु हो गई और उनका परिवार डगमगाने लगा. उनके घर में पिता ही एक सहारा थे जो कमाई का जरिया थे. इसलिए विराट को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
लेकिन विराट ने फिर भी हार नहीं मानी वह अपने जुनून के साथ अपने करियर में डटे रहे. साल 2009 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में खेले और साल 2012 में आईसीसी ओडीआई ने विराट कोहली को भारतीय क्रिकेट टीम में हमेशा के लिए स्थायी कर दिया. जब विराट से उनकी जिंदगी की सबसे दुखद घटना के बारे में पूछा गया तो विराट कोहली ने साफ कह दिया कि उन्होंने अपने पिता को खो दिया यह उनकी जिंदगी की सबसे दुखद घटना थी.
इतना ही नहीं जब वह कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के लिए लड़ रहे थे. तभी उन्हें पता चला कि उनके पिता की मृत्यु हो गई है लेकिन वह अपना मैच पूरा किए बिना नहीं जा सकते थे. मैच पूरा करने के बाद वह दिल्ली गए लेकिन पिता को उनकी आखिरी सांसो में सहारा नहीं दे पाए. विराट कोहली ने अपने मेहनत और जुनून की वजह से यह मुकाम हासिल किया है.
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