Cryptocurrency Transaction : हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा एक ऐसा कदम उठाया गया है जिसकी वजह से लोगों ने अपना सर पकड़ लिया है. बीते कुछ वर्षों से तो cryptocurrency का चलन काफी ज्यादा बढ़ चुका है. वहीं इस बार तो वित्त मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन भी रिलीज कर दिया है. क्रिप्टो करेंसी ( cryptocurrency ) द्वारा होने वाले जितने भी लेनदेन हैं वह अब money-laundering के दायरे में देखे जाएंगे. पिछले साल भी ऐसा ही कुछ हुआ था पिछले साल के बजट में भी वित्त मंत्री ने यही कहा था कि क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन ( cryptocurrency transaction ) पर भी आपको टैक्स देना जरूरी होगा. हालांकि पिछले साल से ही सरकार इस पर काफी सजग होकर कार्य कर रही है. तभी से लोगों ने एक अनुमान लगाना शुरू कर दिया था कि आने वाले समय में डिजिटल असेट्स के ऊपर भी टैक्स लगाया जाएगा और ऐसा ही हुआ.
सभी डिजिटल ऐसेट्स पर लगेगा टैक्स
हालांकि वित्त मंत्रालय के इस कदम पर लोग काफी सवाल भी उठा रहे हैं. वही इसके कुछ समर्थक भी हैं. इसके समर्थकों का कहना है कि डिजिटल असेट्स पर टैक्स लगाना एक तरह से इंडियन इकोनामी ( cryptocurrecy in indian economy ) के लिए यू-टर्न साबित होगा लेकिन यह कदम क्यों उठाया गया है?
इसके बारे में जानना लोगों के लिए काफी जरूरी भी है. साल 2022 के बजट के बाद ही यह खबर चारों ओर फैल चुकी थी कि क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स ( tax on cryptocurrecy ) लगना शुरू हो जाएगा. इसके लिए एक नया सेक्शन 115-BBH बनाया गया था. यह सेक्शन साल 2022 के अंतिम दिनों में ही इंट्रोड्यूस किया गया था. इस सेक्शन में तीन प्रावधान दिए गए थे जो इस प्रकार थे –
1. अगर आपको फायदा होता है तो इन्वेस्टर को आपको 30% टेक्स देना जरूरी होगा
2. जब भी कोई क्रिप्टो बेचेगा तो उसके लेनदेन पर 1% TDS लगेगा
3. यह नियम 1 जुलाई, साल 2022 से शुरू हो चुका है.
जब नया बजट आया था तब उसके बाद से ही सरकार ने डिजिटल करेंसी पर भी अपना काम करना शुरू कर दिया था. लेकिन इससे यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार बिटकॉइन जैसी करेंसी को भी आगे आने वाले समय में मान्यता देने वाली है. हालांकि क्रिप्टो करेंसी की मुश्किलों को समझना लोगों के लिए काफी चैलेंज से भरा होगा.
लेकिन अभी सरकार खुद इस खबर पर रोक लगा रही है हालांकि बीच-बीच में cryptocurrency को लेकर कुछ अलग अलग खबरें आती रहती हैं. परंतु अभी कोई ऐसी बड़ी खबर सामने नहीं आई है. आरबीआई ( RBI ) ने कई बार यह कदम उठाया है कि CRYPTOCURRENCY का उपयोग बंद कर देना चाहिए. लेकिन अब देखते हैं कि वित्त मंत्रालय से इस बारे में क्या खबर आती है.
क्या होती है वर्चुअल डिजिटल संपत्ति
वित्त मंत्रालय से 7 मार्च को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. जिसमें साफ तौर पर यह मेंशन है कि जितनी भी वर्चुअल डिजिटल संपत्ति है उसके सारे कानून PMI के तहत आएंगे लेकिन इस नोटिफिकेशन में ट्रांजैक्शन के प्रकार की कोई बात नहीं की गई है.
वर्चुअल डिजिटल संपत्ति एक ऐसी सम्पति है जिसका लेन देन किसी कोड, नंबर या फिर टोकन के रूप में होता है. ऐसी सम्पत्ति पूरी तरीके से डिजिटल संपत्ति कहलाती है. इस सम्पत्ति को cryptographic तरीके से बनाया गया है इसलिए इसे क्रिप्टोकरंसी भी कहा जाता है. अब देखना यह है कि वित्त मंत्रालय द्वारा इस cryptocurrency के बारे में क्या नयी खबर सामने आती है.
Read More :
बॉलीवुड के ये 5 सितारे करते हैं रंगों से नफरत, नहीं मनाते होली, जानिए वज़ह