गले में चुभन क्यों महसूस होता है, जानें इसके इलाज़ और बचाव के तरीक़े

Smina Sumra
7 Min Read

Cause of sore throat:गले में खुजली या चुभन कई कारणों से हो सकता है। गले में चुभन या खुजली से जूझ रहे लोगों में और भी कई तरह के लक्षण नज़र आ सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

Cause of sore throat: गले में खुजली या चुभन होने के कारण बार बार गला साफ़ करना पड़ता है। लेकिन फिर भी इससे आपको कोई संतुष्टि नहीं मिलती है। गले में चुभन कई वज़ह से हो सकते हैं। आमतौर पर सूखी खांसी के कारण गले में चुभन की परेशानी महसूस होती है।

गले में चुभन और भी कई कारणों से हो सकते हैं। जैसे किसी भी चीज़ से एलर्जी या संक्रमण। गले में खुजली या चुभन (Cause of sore throat) के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस तरह की परेशानी से बचने के लिए आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपकी परेशानियों के आधार पर गले में चुभन या खुजली का इलाज़ करते हैं।

इस समस्या को ख़त्म करने के लिए डॉक्टर आपको एलर्जी रोकने वाली दवाइयां, एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं। आपको गले में चुभन के अलावा कोई और लक्षण भी नज़र आ सकते हैं। आइए जानते हैं गले में चुभन के कारण लक्षण और इलाज़ के तरीक़े

:- गले में सूजन का कारण
(Cause of sore throat)

अक्सर लोगों को गले में चुभन की वजह से खांसी होने लगती है। और लोगों को लगता है उनके गले में कुछ फंस गया है। इसके अलावा गले में चुभन के अन्य लक्षण हो सकते हैं। जैसे:-

1. गला बैठ जाना।

2. बोलने में परेशानी होना।

3. गले में चुभन और खुजली होना।

4. गले में दर्द होना।

कुछ विशेष परिस्थिति में आप में कुछ गंभीर लक्षण भी नज़र आ सकते हैं। जैसे:-

1. गले में कुछ बहने जैसा लगना।

2. बुखार की परेशानी होना।

3. हमेशा बार नाक बंद हो जाना।

4. ठंड लगना।

5. सीने मे जलन होना।

6. हमेशा नाक बंद रहना।

अगर आप को गले में चुभन या खुजली के गंभीर लक्षण नज़र आए तो आसपास के ईएनटी डॉक्टर के पास संपर्क करें।

:- गले में चुभन के क्या कारण हो सकते हैं?
(What can be the reason for pricking in throat)

1. सर्दी ज़ुकाम होने पर।

2. एलर्जी की समस्या होने पर।

3. गले में सूजन होने पर।

4. एसिड रिफ्लक्स।

5. गले का कैंसर होने पर।

6. कुछ दवाइयों के असर से भी गले में चुभन या खुजली हो सकती है।

:- गले में चुभन का ख़तरा कैसे होता है?

1. जोर से चिल्लाने पर गले में चुभन खुजली का ख़तरा बढ़ सकता है।

2. लगातार बोलते रहने पर।

3. प्रदूषित हवा या धुंध हुआ वाली जगहों पर सांस लेने पर।

4. धूम्रपान का सेवन करने पर।

5. अस्थमा रोगियों को।

6. पानी का सेवन करने वालों को।

:- गले में चुभन का बचाव कैसे करें?
(How to prevent prick in throat)

1. प्रदूषित वातावरण में नहीं रहें। धुल धुंए वाले इलाकों में जाने से खुद को रोकें।

2. अपने शरीर को हमेशा हाइड्रेट रखें। ज़्यादा से ज़्यादा पानी का सेवन करें। ताकि आपका गला सूखने से बचा रहे।

3. ज़्यादा ऑयली या स्पाइसी खाना खाने से बचें। इससे आपको गैस की समस्या हो सकती है। जिसके आपके गले में चुभन और खुजली की समस्या बढ़ सकती है।

4. अपने आप को साफ़ सुथरा रखें। ताकि आप में संक्रमण के फैलने से बच सकें।

5. शरीर को पूरा आराम दें।

6. धूम्रपान का सेवन बिल्कुल ना करें।

7. चाय या कॉफ़ी या अधिक कैफ़ीन युक्त चीज़ों का अधिक सेवन करने से बचें।

:- गले में चुभन और खुजली दूर करने के घरेलू उपाय
(Home remedies to get rid of stinging and itching in throat)

1. गर्म पानी से गरारे करें।

गले में चुभन या खुजली महसूस होने पर गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें। इस उपाय को करने से आपको आराम मिलेगा।

2. मेथी की चाय का सेवन करें।

गले में खुजली और चुभन को खत्म करने के लिए आप मेथी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप मेथी की चाय का सेवन कर सकते हैं। इससे आपके गले में चुभन और खुजली की समस्या खत्म हो सकती है।

3. शहद और काली मिर्च

गले में चुभन और खुजली की समस्या में शहद और काली मिर्च का सेवन किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल करने के लिए एक चम्मच शहद को गर्म करें। एक चुटकी काली मिर्च पाउडर को शहद में मिलाएं। अब हल्का ठंडा होने पर इसे खा लें। इससे गले की सूजन और खुजली में आराम मिलेगा।

4. गर्म पेय पदार्थ लें।

गले में चुभन की समस्या अधिक होने पर गर्म पेय पदार्थ का इस्तेमाल करें। जैसे:- तुलसी चाय, नींबू चाय फिर अदरक वाली चाय इत्यादि।

5. नरम भोजन करें।

गले में चुभन या खुजली की परेशानी होने पर हल्का और नरम भोजन का सेवन करें। इस खाद्य पदार्थ को आपका पेट आसानी से पचा लेगा। और इसे निगलने में आपको ज़्यादा परेशानी भी नहीं होगी।

अगर इन घरेलू नुस्खों से आपके गले का चुभन या खुजली ठीक नहीं हो रहा है तो आप तुरंत किसी ईएनटी स्पेशलिस्ट से अपने गले की जांच करवाएं। इससे आपको कारणों का पता चल सकेगा। साथ ही सही समय पर आपका इलाज़ हो सकेगा।

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