दिल्ली में अब दिन भर दिन बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्राइमरी स्कूलो को 2 दिन बंद करने का फैसला लिया है उन्होंने यह फैसला बच्चों की सेहत को देखते हुए लिया है दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में अब प्रदूषण बहुत बढ़ रहा है इसके चलते सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल दो दिन के लिए बंद रहेंगे।
इस प्रदूषित हवा के साथ आंखों में जलन और गंभीर बीमारियां हो सकती है दिल्ली की सरकार प्रदूषण को लेकर कई कदम उठा रहे हैं और कई कारण भी बताएं। दिल्ली की हवा इतनी प्रदूषित हो गई है सूर्य समय से पहले दिखना बंद हो जाता है और आसमान काला पड़ जाता है लोगों का वायु प्रदूषण से बहुत बुरा हाल है चारों तरफ स्मोक छाया हुआ है।
यह बेहद हानिकारक है और इससे बचने के लिए उपाय न किए गए तो यह जहरीली हवा सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकती है सांस की समस्या अस्थमा आदि से ग्रस्त लोगों के लिए इस दम घोटो वातावरण में जीना बहुत मुश्किल है ऐसे में घर पर रहना ही सबसे अच्छा है अगर आप बाहर जा भी रहे हैं तो मास्क का जरूर इस्तेमाल करें।
दिल्ली के कुछ इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में है तो कुछ इलाकों में बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है आनंद विहार इलाके में AQI 404दर्ज किया गया है वही बुराड़ी इलाके में AQI 340 दर्ज किया गया है इजी एयरपोर्ट्स पर AQI 332 दर्ज किया गया है।
आखिर क्यों जला रहे हैं किसान पराली?
यूपी में जहां प्रणाली जालना अपराध है तो वहीं पंजाब में खुलेआम प्रणाली जलाई जा रही है अमृतसर के चंबा में पराली जलते नजर आ रहे हैं किसान! सरकार की सारी कोशिशे बेकार जा रहे हैं पटियाला जिले के पुई गांव से पराली जलाने की खबरआई। किसानों का कहना है कि उनके पास पराली जलाने के अलावा कोई चारा नहीं है क्योंकि रबी और खरीफ फसलों के बीच अंतर बहुत कम है।
उनका कहना है कि चार से पांच दिनों की देरी भी पूरी फसल के चक्र को नुकसान पहुंचा देती है धान की कटाई के बाद रबी की फसल गेहूं को बीजने का समय बहुत कम है इसीलिए किसान फसल के अवशेषों को जल्द से साफ करके और अगली फसल की बिजाई के लिए खेतों में आग लगा देते हैं।
पंजाब सरकार ने घोषणा की थी कि वह धन के मौसम के दौरान किसानों को सब्सिडी पर बड़े आकार बेलर मुहैया करवाएगी पर किसानों का कहना है कि सब्सिडी बेकार है क्योंकि मशीने उन्हें बहुत महंगी पड़ती है किसानों का यह भी कहना है कि सरकार ने कहा की पराली को जमीन के अंदर ही दबा दिया जाए पर किसानों ने कहा कि अगर हमें ऐसा करते हैं।
तो हमारा बहुत खर्चा हो जाएगा और बीज भी खराब हो जाएंगे उन्होंने कहा हमें मजबूरी में यह सब करना पड़ता है किसानों का कहना हैं पुरानी ना जलानी पड़े इसके लिए सरकार बढ़ावा नहीं दे रही है। सरकार पराली नहीं खरीदती है। इसीलिए यह उनके लिए बोझ बन जाता है।