रोती हुई सायरा बानो को धर्मेंद्र ने दिया सहारा, दिलीप कुमार की जयंती पर महीनों बाद निकलीं घर से बाहर

रोती हुई सायरा बानो को धर्मेंद्र ने दिया सहारा, दिलीप कुमार की जयंती पर महीनों बाद निकलीं घर से बाहर

भारतीय सिनेमा के दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार की आज 99वीं जयंती है। दिलीप कुमार की जयंती के मौके पर उनकी पत्नी और दिग्गज अभिनेत्री सायरा बानो अपने बांद्रा स्थित घर से बाहर निकलीं। आपको बता दें कि इसी साल दिग्गज अभिनेता दिलीप ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। दिलीप कुमार के निधन के बाद पहली बार सायरा बानो अपने घर से बाहर निकली हैं।

सायरा बानो का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसे फोटोग्राफर वीरल भयानी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया। इस वीडियो में सायरा बानो के साथ दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र और फिल्म निर्देशक-निर्माता सुभाष घई भी नजर आए। दरअसल, सायरा बानो को व्हिस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट द्वारा आमंत्रित किया गया था। यहां कुछ छात्रों द्वारा दिलीप कुमार की पेंटिंग्स बनाई गई हैं, जिसे देखने के लिए ही सायरा बानो को बुलाया गया।

दिलीप कुमार को याद कर खूब रोई सायरा बानो

वीरल भयानी ने अपने इंस्टाग्राम पर जो वीडियो शेयर किया है, वह बहुत ही भावुक कर देने वाला है। सायरा बानो लगातार दिलीप कुमार को याद करके रो रही हैं। सुभाष घई सबसे पहले उन्हें सांत्वना देने की कोशिश करते हैं। इस बीच धर्मेंद्र भी वहां पहुंच जाते हैं, धर्मेंद्र रोती हुई सायरा बानो को चुप कराने की कोशिश करते हैं। ये मुश्किल घड़ी में वह सायरा बानो का सहारा बनते हुए नजर आए।

सायरा बानो का वीडियो

दिलीप कुमार और सायरा बानो बॉलीवुड के सबसे पसंदीदा कपल में से एक रहे हैं। दोनों की उम्र में भले ही 20 साल का अंतर था, लेकिन 55 साल की शादी में कभी भी वो अंतर उनके रिश्ते पर नहीं झलका। दोनों एक दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करते थे। इसी साल 7 जुलाई को लंबी बीमारी  के बाद दिलीप साहब ने दम तोड़ दिया था। दिलीप साहब के जाने के बाद पहली बार सायरा बानो उनके बिना ही उनका जन्मदिन मना रही हैं।

सायरा बानो को आज भी लगता है कि दिलीप कुमार उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं। बातचीत के दौरान सायरा बानो ने दिलीप कुमार की जंयती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि…

मैं उनके लिए पूजा करूंगी, उन्हें याद करूंगी और मैं चाहती हूं कि ये दिन बहुत ही शांति से गुजरे। में जुहू के कब्रिस्तान में जानी चाहती हूं, जहां पर वे दफन हैं।

Shilpi Soni

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