अपने भोजन में खा रहे हो ज़हर, आप भी आँखे खोल कर करे भोजन कर रहे हो अपनी ज़िंदगी से खिलवाड़, जाने असली नकली में फ़र्क

Sumandeep Kaur
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difference between india and china garlic

भारत को मसालों का देश कहा जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि तरह-तरह की सब्जियां भी हमारी पहचान हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि शायद ही कोई घर हो, जहां पर आपको मसाले और सब्जियां ना मिलें. सब्जियों और मसालों के कॉम्बिनेशन से तरह-तरह के पकवान तैयार किए जाते हैं. इनमें से कुछ सब्जियां और मसाले हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी होते हैं, क्योंकि इनमें जरूरी पोषक तत्वों की भरमार होती है।

ऐसी ही एक सब्जी है लहसुन, जिसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. गर्म तासीर वाले लहसुन को बॉडी की इम्युनिटी बढ़ाने वाला तो माना ही जाती है, मगर इसमें कई सारे ऐसे गुण होते हैं, जिनसे कई खतरनाक बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है. कई संक्रामक रोगों को रोकने के लिए भी लहसुन फायदेमंद होता है।

लाख कोशिशों के बाद भी असली-नकली में फर्क कर पाना मुश्किल हो जाता है। लहसुन का सबसे ज़्यादा उत्पादन चीन में होता है, उसके बाद भारत में चीन में दुनिया भर में बेचे जाने वाले लहसुन का 80 प्रतिशत उत्पादन होता है. चीन में दो तरह के लहसुन का उत्पादन होता है: जैविक और अकार्बनिक. इन दोनों तरह के लहसुन में बिक्री के लिए कीटनाशकों और ब्लीच का इस्तेमाल किया जाता है.
लहसुन की पहचान करने के लिए, उसे पलटकर देखें. अगर लहसुन के निचले हिस्से में दाग दिखाई देते हैं, तो वह असली है. अगर लहसुन बिल्कुल सफ़ेद है, तो वह चीन का नकली लहसुन हो सकता है।

चीन का नकली लहसुन जहरीला हो सकता है।

यूं तो नकली सामान बनाने में चीन का कोई मुकाबला नहीं है. देखा जाए तो चीन ने डेली यूज से लेकर खाने-पीने की चीजों में मिलावट कर नकली चीजों को बनाने में महारत हासिल कर रखी है।

ऐसे कर सकते हैं पहचान

इसमें आपको किसी भी तरह के कोई दाग-धब्बे नजर नहीं आएंगे. पहचान के लिए आपको लहसुन को पलट कर देखना होगा. निचले हिस्से में अगर दाग दिखाई दे तो मतलब है कि, ये असली है. वहीं इसके उलट अगर लहसुन बिल्कुल सफेद है तो ये चीन का नकली लहसुन हो सकता है।

क्या आपको चीन से लहसुन खरीदना चाहिए

आयातित लहसुन को मिट्टी के दाग हटाने के लिए अत्यधिक ब्लीच किया जाता है और इसका रंग अप्राकृतिक रूप से सफेद होता है। अंकुरण. लहसुन के बल्ब स्वाभाविक रूप से अंकुरित होते हैं और कभी-कभी छोटे हरे अंकुर उग आते हैं। फिर, आयातित लहसुन की भारी ब्लीचिंग लहसुन को नष्ट कर देगी और ऐसा होने से रोकेगी।

विशाल बहुमत चीन से आता है । एशियाई देश विश्व का लगभग 90 प्रतिशत लहसुन पैदा करता है। चीन इतना लहसुन उगाता है, इतना सस्ता कि अमेरिका उसे घरेलू उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए आयात पर टैरिफ लगा देता है।

असली लसुन कैसी  है

लहसुन एक कन्द वाली मसाला फसल है। इसमें एलसिन नामक तत्व पाया जाता है जिसके कारण इसकी एक खास गंध एवं तीखा स्वाद होता है। लहसुन की एक गांठ में कई कलियाँ पाई जाती है जिन्हे अलग करके एवं छीलकर कच्चा एवं पकाकर स्वाद एवं औषधीय तथा मसाला प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है।

चीन से लहसुन क्यों नहीं खरीदना चाहिए

किसी भी कीड़े से छुटकारा पाने के लिए चीनी लहसुन को मिथाइल ब्रोमाइड के साथ भारी मात्रा में फ्यूमिगेट किया जाता है। मिथाइल ब्रोमाइड एक बहुत ही जहरीला खतरा है । उच्च सांद्रता के संपर्क में आने से श्वसन और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को नुकसान हो सकता है, यहां तक ​​कि मृत्यु भी हो सकती है।

व्यक्तिगत रूप से मैं जहाँ भी संभव हो चीनी उत्पादों और विशेष रूप से भोजन से परहेज करे । चीन से लहसुन को अंकुरित होने से रोकने, लहसुन को सफेद करने और कीड़ों और पौधों को मारने के लिए रसायनों के साथ छिड़का जाता है। चीनी लहसुन को भी ब्लीच किया जाता है।

 

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सुमनदीप कौर, जो bwoodtadka.com के साथ काम कर रही है, वह एक Hindi content Writer है, जिनके पास 5 साल के समाचार लेखन का विशेष अनुभव है। उन्होंने समाचार लेखन में अपनी योगदान दी है और उनका योगदान समाचार प्रशंसकों के लिए अत्यधिक मूल्यवान है।सुमनदीप कौर के द्वारा लिखे गए समाचार लेख बॉलीवुड, टेलीविजन, मनोरंजन और सेलेब्रिटी दुनिया से जुड़े होते हैं, और उनकी रचनाएँ पाठकों को नवाचारिक और महत्वपूर्ण समाचार प्रदान करती हैं। उनका विशेष ध्यान समाचार की सटीकता और विशेषज्ञता के प्रति है, जिससे वह अपने पाठकों को हमेशा सत्य और महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं।सुमनदीप कौर के जैसे समाचार लेखकों का योगदान समाचार साहित्य में महत्वपूर्ण होता है, और उनकी निष्ठा और कौशल समाचार पत्रकारिता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्तर पर पहुँच गई है।
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