कहते हैं ना देने वाला जब भी देता है छप्पर फाड़ कर देता है, ये कहावत बिलकुल फिट बैठी बंगाल के दीघा (Digha) में रहने वाले एक मछुआरे के ऊपर….. मछुआरे के हाथ एक ऐसी मछली लगी, जिसे बेचने के बाद मछुआरा रातो रात लखपति बन गया। इसके बाद से कई लोग समुद्र में ऐसी अन्य मछली की उम्मीद में अपनी नाव उतार रहे हैं। बता दे की मछली वेस्ट बंगाल के ईस्ट मिडनैपोरे एरिया में मिली थी।
ऐसी कई स्टोरीज हम सुनते और देखते आए हैं, जहां समुद्र के गर्भ से बेहद अजीबोगरीब मछलियां बाहर आकर लोगों की लाइफ बदल देती हैं। बता दे की समुद्र की दुनिया कई तरह की मछलियों से भरी हुई है। ऐसी कई मछलियां भी समुद्र के गर्भ में छिपी हैं, जो कभी देखी-सुनी नहीं गई हैं। इस बार वेस्ट बंगाल के मछुआरों को जो मछली मिली है, वो तेलिया भोला प्रजाति की है, जो देखने में बेहद विशाल थी। इसका वजन करीब 55 किलो था। दीघा मोहना फिश ऑक्शन में इसे 26 हजार रुपये प्रति किलो के रेट से बेचा गया।
अचानक लग गई लोगों की भीड़
जैसे ही टूरिस्ट्स के बीच इतनी बड़ी मछली पकड़े जाने की खबर गई, सभी उसे देखने के लिए उमड़ गए। ऑक्शन सेंटर पर इस एक मछली को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। इस मछली को साउथ 24 परगनास में रहने वाले शिबाजी कबीर ने ट्रांसपोर्ट किया था। मछली के लिए बोली लगाने का सिलसिला तीन घंटे चला। जिसमें आखिरकार छब्बीस हजार रुपए प्रति किलो के रेट से मछली का सौदा हुआ।
बेशकीमती है मछली
बता दे की तेलिया भोला मछली की काफी डिमांड रहती है। इसमें कई तरह के गुणकारी तत्व होते हैं और इसका इस्तेमाल कई दवाइयों में किया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़, मछली को एक विदेशी फ़र्म ने खरीदा। लोकल मीडिया से बातचीत में एक बिजनेसमैन ने बताया कि ”इस मछली से बनी दवाइयां कई लोगों की जिंदगी बचाने के काम आती है। इस वजह से ही विदेशी फर्म्स इन्हें खरीदने में इतनी दिलचस्पी लेते हैं। खासकर इस मछली का स्विम ब्लेडर, जो मछली के पेट में मौजूद होता है। इसे मछली का सबसे महंगा हिस्सा माना जाता है।”
दीघा फिशरमैन एंड फिश ट्रेडर्स एसोसिएशन के सदस्य नबकुमार पायरा ने बताया कि ‘इस प्रजाति की मछली साल में केवल दो से तीन बार ही पकड़ी जाती है, इसलिए इस मछली को पकड़ने वाले मछुआरों को एक ही बार में काफी पैसे मिल जाते हैं।”