Halal Certified Products ; उतर प्रदेश में कुछ दिन पहले Halal Certified Products पर पूरी तरह बैन लग चूका है। अब उसी तरह बिहार सरकार भी Halal Certified Products पर बैन करने वाली है। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से बीजेपी के सांसद गिरिराज सिंह ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। उन्होने उतर प्रदेश की तर्ज पर बिहार में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स पर रोक लगने की बात की है।
बिहार के मुख्यमंत्री ने लिखा पत्र
बिहार के मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है की उतर प्रदेश की तरह बिहार में भी अब हलाल प्रोडक्ट्स पर रोक लगनी चाहिए। Halal Certified Products वह प्रोडक्ट्स होते है इस्लामी कानून की जरूरतो को पूरा करते है। हलाल सर्टिफ़िकेशन पहली बार 1974 में वध किए गए मांस के लिए शुरू किया गया था। हलाल सर्टिफिकेट नाम तोर पर नॉन वेग और वेज दोनों तरह के प्रोडक्ट के लिए होते है। हलाल सर्टिफिकेट के अनुसार ऐसे किसी जानवर का या उसके बायो का इस्तेमाल नहीं किया जाता जो इस्लाम में हराम माना जाता है।
भारत के सविधान की बात
हलाल सर्टिफिकेट देने वाली भारत में 12 में कपनी है। लेकिन इस में कुछ प्राइवेट कम्पनिया भी है। जो लालच में आकर किसी को भी सार्टिफिकेट दे देती है। बिहार के मुखमंत्री ने कहा की भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में हलाल कारोबार ना सिर्फ संविधान के खिलाफ है अपितु देशद्रोह भी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा की हम सब धर्म को बारबर का दर्जा दे है हमारे लिए सभी धर्म एक सामान है।
बिहार और उतर प्रदेश को बराबर
पत्र के अन्त में मुख्यमंत्री ने लिखा की हम उतर प्रदेश की जोगी सरकार तरह अपने बिहार में भी लोगो की सेहत के साथ कोई खिलवाड़ नहीं करना चाहते। बिहार जैसे बड़े राज्यो में Halal Certified Products होना बहुत जरुरी है। उनने कहा की हमें कही न कही कुछ आंकड़े के अनुसार पूरे विश्व में हलाल प्रमाणन संबंधी व्यावसायिक गतिविधियों का आकार लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर तक है तथा अर्थव्यवस्था के इस स्वरूप के आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े होने की बात के बारे में पता चला है।
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