अब घर बनाना हुआ और महंगा! सीमेंट और सरिए के बाद अब बालू के रेट हुए महंगे – अपने घर का सपना हुआ महंगा

अब घर बनाना हुआ और महंगा! सीमेंट और सरिए के बाद अब बालू के रेट हुए महंगे – अपने घर का सपना हुआ महंगा

देश में इन दिनों पेट्रोल-डीजल व खाद पदार्थों के दामों में लगातार बढ़ोतरी के कारण पहले से ही आम लोगो की कमर टूटी हुई है। ऊपर से घर बनाने वाली सामग्री में दाम बढ़ोतरी के कारण आम लोगों की मुसीबतें और खड़ी हो गई। आपको बता दे की बिहार में आने वाले दिनों में बालू की किल्लत और बढ़ने वाली है। क्योंकि अगले 4 महीने तक यहां बालू का खनन होने की संभावना नहीं दिख रही है। इसका कारण यह है कि फिलहाल राज्य में एक जून से खनन कार्य बंद है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राज्य के घाटों पर बालू की उपलब्धता का सर्वे तो करा लिया है, मगर अभी उसके आधार पर बालू घाटों की बंदोबस्ती कर खनन कार्य शुरू कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका है। इसके लिए कैबिनेट से भी मंजूरी लेनी होगी। सूत्रों की मानें तो अभी विभाग में कर्मियों और अधिकारियों के कार्यबल की जो स्थिति है, उसके अनुसार नहीं लगता कि अगले 15 दिनों में यह संभव हो सकेगा।

आपको बता दे की जून खत्म होने के साथ ही नदियों के बालू घाटों पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण (एनजीटी) का आदेश लागू हो जाएगा। इसके नियमों के तहत तीन महीने यानी एक जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से बालू का खनन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। जानकारी के मुताबिक, इसके बाद भी एक अक्टूबर से नदियों से बालू निकालने की इजाजत सरकार दे देगी, इसकी उम्मीद नहीं दिख रही है।

वही, विभाग का यह मानना है कि राज्य में बालू की औसतन खपत 4 से 5 करोड़ घनफीट प्रति माह है। इस लिहाज से बालू की कमी तो नहीं होनी चाहिए। मगर, अभी राज्य में बालू वाले सभी 29 जिलों के घाटों पर खनन बंद है। इसका फायदा अवैध रूप से बालू का भंडारण करने वाले और खनन माफिया उठा रहे हैं। लोग जरूरत में मनमाने दाम पर बिचौलियों से बालू खरीदने के लिए मजबूर हैं।

Ranjana Pandey

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