क्यों मनोज बाजपेयी ने की थी जान देने की कोशिश, जानें- दोस्तों ने कैसे बचाई जान

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर मनोज बाजपेयी 23 अप्रैल 2022 को अपना 53वां जन्मदिन सेलीब्रेट कर रहे हैं. इस खास मौके पर जानें उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें. 23 अप्रैल 1969 को बिहार के एक गांव में जन्में मनोज बाजपेयी के लिए बॉलीवुड सुपरस्टार बनने तक का सफर संघर्षों और मुश्किलों से भरा था. वो मुंबई आए तो हीरो बनने थे लेकिन एक वक्त पर जब धड़ाधड़ रिजेक्शन मिल रहे थे तो मनोज टूट गए थे लेकिन उस बुरे वक्त में उनके दोस्त बहुत काम आए थे.
जब आने लगे आत्महत्या के ख्याल
मनोज बाजपेयी ने करियर के शुरुआती दौर में आईं मुश्किलों के बारे में एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि उन्हें हर तरफ से रिजेक्शन मिल रहा था और आर्थिक हालत इतनी खराब हो चुकी थी उन्हें वड़ा पाव भी बहुत महंगा लगता था. ये ऐसा दौर था जब उन्हें आत्महत्या के ख्याल आने लगे थे. मनोज की हालत के बारे में उनके दोस्तों को अंदाजा हो गया था और इसलिए कोई भी उन्हें अकेला नहीं छोड़ता था. मनोज बाजपेयी के दोस्तों ने उन्हें तब तक अकेला नहीं छोड़ा जब तक उन्होंने बॉलीवुड में अपनी पहचान नहीं बना ली.
चार साल के संघर्ष के बाद…
मनोज ने अपने बचपन के बारे में बताते हुए कहा था- ‘मैं एक किसान का बेटा था और बिहार के एक गांव में 5 भाई- बहनों के साथ बड़ा हुआ. मैं झोपडपट्टी वाले स्कूल में पढ़ा हूं लेकिन मुझे 9 साल की उम्र में ही एहसास हो गया था कि एक्टिंग ही मेरी किस्मत है’.
मनोज बताते हैं कि वो बचपन से ही अमिताभ बच्चन के फैन थे. मनोज ने बताया कि मुंबई में आने के चार सालों क संघर्ष के बाद उन्हें महेश भट्ट के टीवी सीरियल ‘स्वाभिमान’ में एक छोटा सा रोल मिला था. इस शो के हर एपिसोड के लिए उन्हें 1500 रुपए मिलते थे. इसके बाद उनका काम नोट किया गया और उन्हें पहली फिल्म ‘सत्या’ मिली. इस फिल्म के बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.