लता मंगेशकर जी हमारे बीच नहीं है।लेकिन उनकी मृत्यु के बाद अब स्मारक को लेकर राजनीति शुरु हो चुकी है। एक दल ने उनके अंतिम संस्कार वाले स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की है। लेकिन दूसरी तरफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने इस विचार का विरोध किया है। अब, लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने उसी के बारे में अपने विचार लोगों के बीच साझा किए हैं।
स्मारक के पक्ष में नहीं है परिवार
जब लता के स्मारक पर हो रही राजनीति की जानकारी उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर को लगी तो उन्होंने अपने विचार साझा किए। हृदय के मुताबिक लता और उनका परिवार कभी नहीं चाहता था कि लोग स्मारकों में अपना समय बर्बाद करें।
परिवार भी उनकी मौत के बाद स्मारक के पक्ष में नहीं है। लिहाजा लता दीदी के स्मारक को लेकर जो भी राजनीति हो रही है उसे बंद करना चाहिए।स्मारक बनने या नहीं बनने से कुछ नहीं होगा। हम तो केवल संगीत की धरोहर को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के काम में लगे हैं। दीदी भी इसी की पक्षधर थीं।
संगीत को अगली पीढ़ी को सौंपना लक्ष्य
हृदयनाथ की ओर से ये कहा गया है कि परिवार एक संगीत विद्यालय का समर्थन करेगा न कि लता के नाम पर स्मारक बनाने का। इन सबसे पहले आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने लता मंगेशकर को उनके नाम पर एक संगीत संस्थान के लिए एक प्रस्ताव दिया था और उन्होंने एक इसके लिए हामी भर दी थी। हम चाहते हैं कि वह विरासत जारी रहे और उनके संगीत कौशल को जीवित रखा जाए। अगर हम उनकी विरासत का जश्न मनाना चाहते हैं तो हम संगीत संस्थान का समर्थन करेंगे न कि स्मारक का।”
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने बुधवार को पुणे में कहा कि महाराष्ट्र कैबिनेट ने मुंबई में एक अंतरराष्ट्रीय संगीत कॉलेज लता मंगेशकर को समर्पित करने का फैसला किया है। सामंत के अनुसार प्रस्तावित संस्थान को अब भारत रत्न लता दीनानाथ मंगेशकर इंटरनेशनल म्यूजिक कॉलेज के नाम से जाना जाएगा।