शमशेरा न केवल रणबीर कपूर के लिए बल्कि वाईआरएफ और फिल्म उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण है

करण मल्होत्रा द्वारा निर्देशित पीरियड ड्रामा “शमशेरा” सिनेमाघरों में दिखाई जाती है। जयेशभाई जोरदार, सम्राट पृथ्वीराज के बाद यशराज फिल्म्स बैनर की यह तीसरी फिल्म है, जो इस साल सिनेमाघरों में आई है। इससे पहले दोनों फिल्में फ्लॉप हुई थीं। हाल के वर्षों में यशराज की कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई हैं। शमशेरा बॉक्स ऑफिस पर हिट होगी या मिस, यह अब रणबीर कपूर से ज्यादा निर्माताओं के लिए चिंता का विषय है। जहां तक रणबीर की बात है तो उन्हें जो तारीफ मिल रही है वह इस बात का सबूत है कि अभिनेता ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है।
साल 2021 और साल 2022 में अब तक रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्मों पर नजर डालें तो शमशेरा के सिनेमाघरों में सबसे ज्यादा स्क्रीन हैं। रणबीर की यह फिल्म देशभर में 4,350 स्क्रीन्स पर है। इससे पहले ज्यादातर स्क्रीन्स को यशराज के सम्राट पृथ्वीराज होस्ट करते थे। इसके बाद 3,741 स्क्रीन पर सूर्यवंशी, 3,519 स्क्रीन पर 83, 3,200 स्क्रीन पर भूल भुलैया 2 और 2,250 स्क्रीन पर जयेशभाई जोरदार तरीके से आए। हालांकि, शमशेरा के पास जितनी स्क्रीन हैं, उसके आधार पर फिल्म के पहले दिन का अनुमानित कारोबार बेहद साधारण माना जा सकता है। चार हजार से अधिक स्क्रीन्स पर सोलो लॉन्च करने के बावजूद, शमशेरा को पहले दिन 10-12 मिलियन रुपये की कमाई की उम्मीद है। डिस्प्ले के मुकाबले यह निराशाजनक कलेक्शन है।
शमशेरा’ की कहानी
‘शमशेरा’ की कहानी ब्रिटिश राज के दौर की है। इस फिल्म में करण मल्होत्रा और यशराज फिल्म्स ने अंग्रेजी शासन से लेकर जाति संघर्ष और डाकुओं की जिंदगी इन सब को जोड़कर पर्दे पर सजाया है। फिल्म में रणबीर कपूर का डबल रोल है। वह शमशेरा और उसके बेटे बल्ली के रोल में हैं, जो खमेरन जाति के लोगों का सरदार है। ये लोग समाज में ऊंची जाति के सामने अपने सम्मान की लड़ाई लड़ने के डकैत बन जाते हैं। लेकिन दरोगा शुद्ध सिंह यानी Sanjay Dutt अंग्रेजी शासन के साथ मिलकर धोखे से इन सभी को एक किले में कैद कर लेता है। अब सम्मान की लड़ाई के साथ आजादी की लड़ाई भी जुड़ जाती है।