आज बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री स्मिता पाटिल की डेथ एनवर्सरी हैं। एक्ट्रेस की अचानक हुई मौत ने सबको हैरान कर दिया था, उनकी मृत्यु महज 31वर्ष में हुई थी। एक्ट्रेस भले ही पर्दे पर गंभीर एक्टिंग करने के लिए जानी जाती थी, लेकिन असल जिंदगी में बहुत शरारती थीं।
स्मिता पाटिल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिवाजी राव की बेटी थीं। एक्ट्रेस बनने से पहले वो सामना में समाचार वाचक के रूप में काम करती थीं। कहते हैं उन्हें जींस पहनना पसंद था और समाचार वाचक को साड़ी पहननी होती थी इसलिए वो जींस के ऊपर साड़ी लपेट कर जाती थीं। स्मिता पाटिल को साल 1985 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
स्मिता और राज बब्बर के रिश्ते से नाराज थी उनकी मां
एक्ट्रेस ने अपने करियर की शुरुआत श्याम बेनेगल की फिल्म ‘चरणदास चोर’ से की थी। उन्हें 1977 में फिल्म ‘भूमिका’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1981 में फिल्म ‘चक्र’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। एक तरफ जहां स्मिता पाटिल को उनकी फिल्मों के लिए सराहना मिली। वहीं, अभिनेता और राजनेता राज बब्बर के साथ रिश्ते के लेकर काफी आलोचनाएं भी सहनी पड़ी थी। लोगों ने कहा कि उनकी वजह से नादिरा और राज बब्बर का घर टूट गया।
वहीं, स्मिता की मां भी उनके और राज बब्बर के रिश्ते को लेकर नाराज थी, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और 80 के दशक में राज बब्बर के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी। राज ने कहा था वो अपनी पहली पत्नी को तलाक देकर, उनसे शादी कर लेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
बात दे आखिरी समय में राज और स्मिता के रिश्ते इतने अच्छे नहीं थे और अपने बेटे प्रतीक बब्बर के जन्म के 15 दिन पर बाद स्मिता ने दुनिया को अलविदा कह दिया था।
स्मिता को आखिरी समय में सुहागिन की तरह सजाया गया था
स्मिता पाटिल की जीवनी लिखने वाली मैथिली राव कहती हैं कि स्मिता को ब्रेन इंफेक्शन हुआ था। जब ये इंफेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ गया तो उन्हें जसलोक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। स्मिता के अंग एक के बाद एक फेल होते चले गए। स्मिता की आखिरी इच्छा था कि जब उनकी मृत्यु हो जाएगी तो उन्हें सुहागिन की तरह सजाया जाए। उनकी आखिरी इच्छा को पूरी करते हुए स्मिता के शव को सुहागिन की तरह सजाया गया था।