Taking care of children’s teeth: बच्चों के दांतों में अक्सर ही कीड़े लगने की समस्या हो जाती है। क्योंकि बच्चों को खान पान के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती। इसके लिए कई ऐसे उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे के दांतो को स्वस्थ रख सकते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में।
बच्चों के दांतो का ख़्याल रखना भी उतना ही ज़रूरी है जितना उनके स्वास्थ्य का ख़्याल रखना। अक्सर हम देखते हैं कि चॉकलेट खाने या किसी अन्य वजह से बच्चों की दांतों में कीड़े पड़ जाते हैं। कई बार दांतो की ठीक ढंग से सफ़ाई ना करने के कारण भी दांतों (Taking care of children’s teeth) में कीड़े पड़ने लगते हैं।
दरअसल शुरुआत में कीड़े पड़ने पर लोग उतना ध्यान नहीं दे पाते हैं। यही वजह है कि यह कीड़े एक दांत से कई दातों तक फैल जाते हैं। जिससे आगे चलकर बच्चों की दांतों और मसूड़ों में कई समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।दांतों में कीड़े की समस्या होने पर अगर तुरंत इलाज़ ना कराया गया तो यह गंभीर समस्या का रूप ले सकती है। यही कारण है कि बच्चों के दांतो में कैविटी, दर्द और दांत सड़ने की समस्या होने लगती है।
इसलिए हर वक़्त बच्चों के दांतो का ख़्याल रखना बहुत ज़रूरी होता है। ताकि कीड़े लगते ही डॉक्टर से दिखाया जा सके या उसका इलाज़ किया जा सके। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि बच्चों के दांतों में कीड़ा लगने के बाद दांतों की देखभाल कैसे करें?
खाने की आदत (Eating habit)
आपको हमेशा यह ध्यान रखने की ज़रूरत है कि आपका बच्चा क्या खा रहा है क्या नहीं। क्योंकि बच्चे खाने पीने के बारे में बहुत ज़्यादा नहीं सोचते हैं। और यही कारण है कि उनके दांतों में कीड़े लगने की समस्याएं होने लगती है। बच्चों को लेकर यह ध्यान में रखने की आवश्यकता है कि आपके बच्चे पूरे दिन में क्या-क्या खा रहे हैं।
अगर आपका बच्चा बहुत ज़्यादा मात्रा में आइसक्रीम, चॉकलेट, कैंडी जैसी चीज़ों को खा रहा है तो इसे कम करने की आवश्यकता है। आप अपने बच्चों को इस तरह की चीज़ों को बहुत ज़्यादा ना खाने के लिए प्रेरित करें।
ड्रिंक्स (Drinks)
अगर आपका बच्चा ड्रिंक्स के प्रति बहुत ज़्यादा आकर्षित है तो आपको यह जानना बहुत ज़रूरी है कि ड्रिंक्स में बहुत ज़्यादा शुगर की मात्रा होती है। इसलिए बच्चों को बहुत कम मात्रा में ही ड्रिंक्स पीना चाहिए। वरना इसका सीधा असर उनकी दांतों पर पड़ सकता है। अगर बच्चे कोई भी स्पोर्ट्स ड्रिंक या सॉफ्ट ड्रिंक को बहुत ज़्यादा पीते हैं तो इससे उनकी दांतों में कैविटी का ख़तरा बढ़ जाता है।
इसलिए आपके बच्चे जिस भी ड्रिंक्स या जूस का सेवन करते हैं तो आप उन पर पूरी तरह से नज़र रखें और एक सीमित मात्रा में उन्हें पीने की आदत दिलाएं। अगर आपके बच्चे के एक भी दांत में कीड़ा लगना शुरू हो चुका है तो किसी भी तरह के ड्रिंक्स को पूरी तरह से पीना बंद करवा दें। इससे उनके दांतो को और भी ज़्यादा नुक़सान पहुंच सकता है।
Taking care of children’s teeth के लिए महत्वपूर्ण बातें

रात में सोने से पहले बच्चे को ज़रूर ब्रश कराएं (Make sure to brush the baby before sleeping at night)
आमतौर पर लोग एक बार ही ब्रश करते हैं। वहीं बच्चे भी दो बार ब्रश करने से कतराते हैं। जबकि नियमित रूप से दो बार ब्रश करने से दांत में कीड़े लगने की संभावना कम होती है। दो बार ब्रश करना दांत में कीड़े (Taking care of children’s teeth) लगने से बचने का एक बेहतरीन उपाय है।
रात में ब्रश करने का सबसे बड़ा फ़ायदा यही होता है कि दांतों में बैक्टीरिया और संक्रमण नहीं फैल पाते हैं। क्योंकि बैक्टीरिया और संक्रमण रात में ही बहुत तेज़ी से दातों में फैलने का काम करते हैं। इसलिए आप अपने बच्चे को हर रोज़ दो बार ब्रश करने को कहें। इससे बच्चों के दांत बिल्कुल स्वस्थ रहेंगे।
जितना ज़्यादा हो सके पानी पीने की आदत डालें (Make it a habit to drink as much water as possible)
अधिक मात्रा में पानी पीने से हर किसी का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। इसलिए बच्चों के दांतो को भी स्वस्थ रखने के लिए बच्चों को ज़्यादा मात्रा में पानी पिलाने की आदत डालें। इसके अलावा बच्चे जब भी खाना खाएं उसके थोड़ी देर बाद उनसे पानी पीने को ज़रूर कहें। खाना खाने के बाद पानी और अधिक मात्रा में पानी पीने से दातों में संक्रमण होने की संभावना बहुत कम होती है।
नियमित रूप से बच्चों के दांतों की जांच कराएं (Get children’s teeth checked regularly)
बच्चों के दांतों को स्वस्थ रखने के लिए यह ज़रूरी है कि आप नियमित रूप से दांतों की जांच कराते रहें। नियमित रूप से दांतों की जांच कराने से दांत संबंधी बीमारियों को रोका जा सकता है। नियमित रूप से बच्चों के दांतों की जांच कराने से उनके दांतो की स्थिति का पता चलता है। इसके साथ ही डॉक्टर उनके दांतों के अनुसार सलाह देते हैं कि आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इससे बच्चों के दांतों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।