ऐपल और टाटा के बीच होने वाली डील लगभग अंतिम पड़ाव पर है। हालांंकि अगर दोनों के बीच डील होती है, तो आम इंडियन को क्या फायदा होगा। और टाटा ग्रुप ने तय किया है की बैंगलोर प्लांट को iPhone मैन्युफैक्चरिंग कंपनी विस्तरों इंडिया में बनाई जाएगी।
एप्पल एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी है जो उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, और ऑनलाइन सेवा उत्पादों की रचना, विकास और बिक्री करता है । एप्पल राजस्व द्वारा (2022 में कुल $ 394.3 बिलियन) दुनिया की सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी और, मार्च 2023 में दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी है
विस्तरों होन्ग कोंग लिमिटेड ने टाटा एलेक्ट्रॉनिस को अपने शेयर्स बेचने के लिए डील करी है। और फिर टाटा समूह iPhone बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बन जाएगी। टाटा समूह विस्ट्रॉन फैक्ट्री के अधिग्रहण की डील को मंजूरी मिल सकती है, जो कि कर्नाटक के साउथईस्ट में मौजूद है। इसका वैल्यूएशन करीब 600 मिलियन डॉलर का है। ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन ठेके पर इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाती है।
इस डील को लेकर करीब एक साल से बातचीत चल रही है। इस फैक्ट्री को आईफोन 14 मॉडल की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जाना जाता है। इस फैक्ट्री में करीब 10,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं। रिपोर्ट की मानें, तो मार्च 2024 तक विस्ट्रॉन इस फैक्ट्री से करीब 1.8 बिलियन डॉलर के ऐपल फोन बनाएगी। टाटा इस फैक्ट्री में iPhone 15 का निर्माण करेगी।
टाटा ने वादा किया है कि अगर डील फाइनल हो जाती हैं, तो वो अगले साल तक फैक्ट्री की वर्कफोस को तीन गुना करेगा। ऐसे में बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा होगी। साथ ही भारत से स्मार्टफोन के निर्यात में तेजी आएगी। वही आईफोन के निर्माण में लागत कम आएगी। ऐसे में आने वाले दिनों में आईफोन की कीमत में कमी आ सकती है।
कौन सा टाटा ग्रुप आईफोन बनाएगा ?
टाटा समूह की विनिर्माण शाखा टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) 125 मिलियन डॉलर (1,000 करोड़ रुपये) में भारत में विस्ट्रॉन के परिचालन का अधिग्रहण कर रही है।
चीन को लगा बड़ा झटका।
कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई सप्लाई की दिक्कतों और अमेरिका तथा चीन के बीच बढ़ते तनाव से इंटरनेशनल कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं। ऐसी स्थिति में भारत निवेश के लिए पसंदीदा देश बनकर उभरा है। टाटा ग्रुप ने हाल में इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्शन में एंट्री मारी है। तमिलनाडु में कंपनी की फैक्ट्री में आईफोन का चेसि यानी डेवाइस का मेटल बैकबोन बनाती है। साथ ही कंपनी ने चिप बनाने में भी दिलचस्पी दिखाई है।
चीन का उत्पादन परिदृश्य पर दबदबा कायम है और उसकी हिस्सेदारी 90 फीसदी है। तमिलनाडु में फॉक्सकॉन द्वारा प्रबंधित भारत में iPhone 15 का निर्माण शुरू करने का Apple का हालिया निर्णय, चीन की सीमाओं से परे अपने उत्पादन कार्यों में विविधता लाने की कंपनी की व्यापक रणनीति के अनुरूप है |