भारत की वो 5 जगहें जिसे माना गया है अंतिम छोर, नहीं घूमा तो अब घूम आईए

Deepak Pandey
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भारत काफी विशाल है। साथ ही यहां की संस्कृति और अलग-अलग राज्यों की खासियतें इसे और भी हसीन बनाती है।लेकिन भारत की सीमाएं जहां खत्म होती हैं वहां कई चीजे आज भी जस की तस हैं। आज हम आपको अपनी इस पोस्ट के बारे में बताएंगे उन जगहों के बारे में जिन्हें भारत का आखिरी छोर कहा जाता है। यदि आपको कभी भारत भ्रमण करने का मन करें तो आप इन जगहों पर जरुर जाएं और साक्षी बनें भारत के आखिरी छोर तक पहुंचकर उसे महसूस करने का ।

कुछ महीनों पहले ही आनंद महिंद्रा ने एक फोटो ट्वीट करके जुगाड़ की गाड़ी बनाकर चला रहे एक लोहार को उसकी क्रिएटिविटी से प्रभावित होकर एक बोलेरो गिफ्ट की थी। यदि आप आनंद महिंद्रा को ट्वीटर पर फॉलो करते हैं तो आपको इस बात की जानकारी होगी कि वो अक्सर हैरत अंगेज चीजों को अपने सोशल मीडिया से वायरल करते रहते हैं। ऐसा ही एक पोस्ट उन्होंने पिछले दिनों किया। उन्होंने एक दुकान की फोटो डालते हुए कैप्शन लिखा कि हिंदुस्तान की अंतिम दुकान..जहां पर आनंद महिंद्रा चाय पीकर सेल्फी लेना चाहते हैं। आज हम आपको ऐसी ही जगहों के बारे में बताएंगे जो भारत के अंतिम छोर पर हैं।

1. माणा गांव
चितकुल मूल रूप से भारत-तिब्बत और चीन की सीमा पर स्थित आख़िरी गांव है। लेकिन उत्तराखंड का माणा गांव आधिकारिक तौर पर ‘भारत के अंतिम गांव’ के रूप में जाना जाता है।Mana

2. धनुषकोडी
धनुषकोडी को भारत की आख़िरी भूमि के रूप में जाना जाता है। यहां एक ऐसी सड़क है, जिसे भारत की अंतिम सड़क कहा जाता है। धनुषकोडी से श्रीलंका केवल 31 किलोमीटर दूर रह जाता है और पूरी साफ़ तरह से रास्ता दिखाई भी देता है।Dhanushkodi

3. सिंहाबाद
पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के हबीबपुर इलाक़े में बना सिंहाबाद भारत का सबसे पुराना और आख़िरी रेलवे स्टेशन है, जो बांग्लादेश से सटी सीमा पर है। आज़ादी के पहले से बना ये स्टाशन आज तक वैसा ही है. इसके बाद भारत का कोई और रेलवे स्टेशन नहीं है।Singhabad

4. कन्याकुमारी तट
कन्याकुमारी समुद्रतट भारत का ख़ूबसूरत और आख़िरी समुद्र तट है। यहां पर स्थानीय खाने के साथ-साथ मनोरम दृश्यों का भी आनंद ले सकते हैं।आपको बता दें, भारत की धरती का अंतिम छोर कन्याकुमारी ही है क्योंकि इसके चारों तरफ़ विशाल समुद्र है।Kanyakumari Beach

5. तुरतुक गांव
लद्दाख के आख़िरी छोर खार दूंगला दर्रे में बसा तुरतुक गांव ख़ूबसूरत पहाड़ों के नज़ारे से भरपूर है. यहां पर बाल्टी संस्कृति के लोग रहते हैं और ये गांव अपने सभ्यता और संस्कृति के चलते ख़ास है।Turtuk Village

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